अर्जुन के पेड़ का हृदय रोग में महत्व ( Importance of arjun tree in hindi)

arjun tree kaisa hota hai
arjun ka ped


अर्जुन की छाल के हृदय रोग में फायदे -arjun ki chhal ke fayde



अर्जुन के पेड़ की छाल के फायदे बहुत है । अर्जुन का उपयोग पुराने समय से हृदय के रोगियों के लिए किया जाता है, यह हृदय के लिए रामबाण औषधि है, अर्जुन मुख्यता जंगलों में पाया जाता है, अर्जुन पहाड़ी इलाकों में अधिकता में पाए जाते है। अर्जुन का पेड़ पर गर्मियों में फूल खिलते हैं व जाडो में फल आते हैं । इसे इंग्लिश में Arjun tree के नाम से  व गुजराती में साजड़ कहा जाता है, व हिंदी में अर्जुन अथवा कहूं कहते हैं ।



अर्जुन के पेड़ की छाल में अनेक प्रकार के रसायनिक तत्व पाए जाते है । अर्जुन की छाल में कैल्शियम कार्बोनेट अधिक मात्रा में पाया जाता है व सोडियम, मैग्नीशियम, अल्मिनियम प्रमुख छार है, सोडियम व कैलशियम की अधिकता के कारण हृदय की मासपेशियों के लिए फायदेमंद होता है ।



अर्जुन की छाल के औषधीय उपयोग एवम् फायदे - Arjun ki chhal ke fayde evam aushdhiye upyog :





अर्जुन की छाल शीतल होता है व हृदय के लिए बहुत ही लाभकारी होता है । अर्जुन की छाल रुधिर विकारों, पित्त, कफ, विष, प्रमह, घाव आदि का नाश करता है ।



अर्जुन से हृदय की मांसपेशी मजबूत होती है व दिल को ताकत मिलती है । मासपेशियों की ताकत बढ़ने से हृदय का स्पंदन ठीक होता है, व रक्तवहनिया से रक्त स्राव कम हो जाता है और हृदय की दर्द को दूर करता है। इस तरह रक्त वाहनियो का सकोचन ठीक से होने लगता है । हृदय रक्त को पूरे शरीर में भेजने व खीचने लगता है । और व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है । अर्जुन के पेड़ की छाल के प्रयोग से पित्त की अमलता कम होकर रक्त में स्थिरता उत्पन्न होती है । जिससे पित्त विकारों में फायदा होता है ।



अर्जुन के पेड़ के औषधीय उपयोग एवम् फायदे - Arjun Tree benefits in hindi:




1. हृदय के रोग में अर्जुन की छाल के फायदे -  Arjunki chhal  ke fayde:




  • अर्जुन की छाल हृदय की शीतलता, सूजन, हृदय का बड जाने, आदि बहुत से हृदय रोग में लाभकारी होता है।



  • अर्जुन का पेड़ हृदय की शीतलता में तथा उससे होने वाली दर्द में लाभ करता है इसके लिए अर्जुन छाल के चूर्ण की 5 से 10 ग्राम मात्रा को गुड़ व दूध के साथ पका कर रोगी को पिलाने से शोथ का बडना रुक्कर शीतलता दूर हो जाती है ।



  • हार्ट अटैक हो जाने पर अर्जुन का पेड़ की छाल का 40 मिली लीटर काढ़ा सुबह शाम सेवन करने से हृदय की शक्ति बढ़ती है । अर्जुन दिल के लिए टॉनिक का काम करता है, पूरे लाभ के लिए गाय के दूध में काडा बनाकर सेवन करना आवश्यक है । इस  इस छीर पाक विधि से लेने से हृदय की तेज धड़कन व पीड़ा, घबराहट खत्म हो जाती है । 





    अर्जुन की छाल का  काडा बनाने की की विधि 


    • अर्जुन की छाल को सूखा कर चूर्ण बनाकर रख ले । 250 ग्राम दूध में 250 ग्राम पानी मिला कर धीमी आंच पर पकाये, फिर इसमें एक चम्मच अर्जुन का चूर्ण डाल कर उबले, जब पक कर आधा रह जाए तो इसे उतार लें। जब यह पीने लाायक हो जाएं तो छान कर रोगी को पिलाएं । इससे सारे हृदय रोग ठीक हो जाते है। और हार्ट अटैक का खतरा नहीं रहता।



    • अर्जुन के पेड़ की छाल के चूर्ण कप्पड़ छान किया हुआ का प्रभाव इंजेक्शन से भी अधिक होता है। इस चूर्ण को जीभ पर रख कर चूसते ही रोग कम हो जाता है । यह प्रयोग बहुत ही लाभकारी होता है । हृदय की धड़कन तेज हो व नाड़ी की गति धीमी हो तो इस नुस्खे को रोगी की जीभ पर रखने से ही नाडी में शक्ति पैदा हो जाती है । इस प्रयोग का फायदा स्थाई होता है ।



    2. हृदय की धड़कन में अर्जुन की छाल के फायदे -Arju ki chhal ke  fayde 




    • अर्जुन का पेड़ की छाल का बारीक चूर्ण  की एक चम्मच की मात्रा को एक कप मलाई रहित दूध के साथ नियमित रूप से सुबह शाम सेवन करने से हृदय के अनेक रोगों में लाभ मिलता है । इससे हृदय की कमजोरी दूर होती है, हृदय बलवान होता है व दिल की धड़कन ठीक हो जाती है ।



      • यदि हृदय की धड़कन बहुत बड़ जाए तो एक चम्मच अर्जुन पेड़ की छाल का चूर्ण को एक गिलास टमाटर के रस में मिलाकर पीने से शीघ्र ही धड़कन समान्य हो जाती है । इसका  सेवन कुछ दिन नियमित रूप से करना है।



      • गेहूं का आटा 20 ग्राम ले कर इसको 30 ग्राम गाय की घी में भुने जब यह गुलाबी हो जाए तो इसमें 3 ग्राम अर्जुन की छल का चूर्ण व मिश्री 40 ग्राम तथा 100 ग्राम पानी डाल कर पकाएं जब हलुआ तैर हो जाए तो इसका सेवन नित्य सुबह करे । इसका सेवन करने से धड़कन, घबराहट, व हृदय की पीड़ा में आराम मिल जाता है ।



      • Arjun ki Chaal के चूर्ण से बना हलुआ उच्च रक्तचाप में भी फायदेमंद है । उच्च रक्तचाप के कारण हृदय में जो सूजन हो जाती है, उसको दूर करता है ।



      अर्जुन के पेड़ की छाल के अन्य फायदे-Arjun ki chaal ke  fayde):




      arjun ka ped
      Arjun ki chhal


      1. मुहपाक में अर्जुन का पेड़ - Arjun tree in hindi:




      मुंह पक गया हो तो अर्जुन की जड़ का चूर्ण में मीठा तेल मिला कर कुल्ला करने से मुखपाक ठीक हो जाता है


      2. कान दर्द में अर्जुन छाल के फायदे - arjun chhal ke fayde):




      अर्जुन के पत्ते के रस को कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिल जाता है ।


      3. बादी के रोग में अर्जुन के पेड़ की छाल के फायदे - Arjun ki chaal ke fayde :




      अर्जुन के जड़ की छाल व गंगेरण की जड़ की छाल के चूर्ण की दो - दो ग्राम मात्रा को मिला कर सुबह शाम फंकी मारने से व ऊपर से दूध लेने से बादी कि समस्या दूर हो जाती है ।




      4. रक्त अतिसार में अर्जुन की छाल का चूर्ण -  Arjunki chhal ka churn:




      अर्जुन की छाल का 5 ग्राम चूर्ण को 250 ग्राम गाय के दूध में डाल कर इसमें 250 मिली ली. पानी मिलाए, और इसे हलकी आग पर पकाएं, जब पक कर आधा रह जाए तो इसे उतार ले, जब यह गुनगुना हो जाए तो इसमें 10 ग्राम मिश्री अथवा शक्कर मिलाकर रोगी को नित्य सुबह पिलाने से रक्त पित्त व रक्त अतिसार में लाभ करता है, इस नुस्खे से हृदय रोग में भी फायदा होता है ।


      5. चोट में अर्जुन की छाल के फायदे - Arjun ki chhal ke fayde :




      अर्जुन के जड़ के कारण की एक चम्मच फंकी दूध के साथ लेने से चोट व रगड़ लगने के कारण नील पड़ जाता है में लाभ मिल जाता है ।



      6. टूटी हड्डी जोड़ने में अर्जुन की छाल का उपयोग - arjun ki chhal ka upyog 




      अर्जुन के चूर्ण को फांकने से और ऊपर से दूध पीने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। चूर्ण को पानी के साथ मिलकर लेप करने से भी दर्द में फायदा मिलता है। अर्जुन की छाल का बारीक चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन समय एक कप दूध के साथ एक महीने तक सेवन करने से टूटी हुई हड्डी मजबूत होती है। टूटी हड्डी के स्थान पर भी इसकी छाल को घी में पीसकर लेप करें और पट्टी बांधकर रखी जाए, इससे भी हड्डी तुरंत जुड़ जाती है।



      7. रक्त प्रदर में अर्जुन की छाल के फायदे - arjun ki chhal ke fayde in hindi 




      अर्जुन की छाल का चूर्ण एक चम्मच,1 कप दूध में उबालकर पकाएं, आधा शेष रहने पर थोड़ी मात्रा में मिश्री मिलाकर सेवन करें, इसे दिन में 3 बार लें।



      8. मुंह के छाले में अर्जुन की छाल के पेड़ के फायदे - arjun ki chaal ke fayde 




      अर्जुन की छाल के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।



      9. पेशाब में धातु को दूर करने में अर्जुन की छाल का चूर्ण के फायदे




      अर्जुन की छाल को कूटकर 2 कप पानी के साथ उबालें, जब एक चौथाई शेष रह जाए तो उसे छानकर रोगी को सेवन दे। इसके 2-3 बार के सेवन से  पेशाब खुलकर होने लगेगा तथा पेशाब के साथ धातु का आना भी बंद हो जाता है।



      10. ताकत को बढ़ाने के लिए अर्जुन की छाल - arjun ki chal




      अर्जुन की छाल का चूर्ण ताकतवर होता है तथा अपने लवण-खनिजों के कारण हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है। दूध तथा गुड़, के साथ जो अर्जुन की छाल का पाउडर नियमित रूप से लेता है, उसे हृदय रोग, जीर्ण ज्वर, रक्त-पित्त कभी नहीं होता और वह लंबी आयु जीता  है।



      11. हार्ट फेल अर्जुन की छाल का चूर्ण - arjun ki chhal ka churn




      हार्ट फेल और हृदय के दर्द में अर्जुन की 3 से 6 ग्राम छाल दूध में उबालकर लें सकते हैं, आराम मिलता है ।



      12. पेट दर्द में अर्जुन छाल के फायदे - arjun ki chaal ke fayde




      अर्जुन की छाल 1/2 चम्मच, एक चुटकी भुनी-पिसी हींग और स्वादानुसार नमक मिलाकर सुबह-शाम गर्म पानी के साथ लेने से पेट के दर्द, और पेट की जलन में फायदा होता है।



      13. टी.बी. की खांसी में अर्जुन का चूर्ण- arjun ka churn




      अर्जुन की छाल के चूर्ण में वासा के पत्तों के रस को एक साथ उबाल देकर दो-तीन ग्राम की मात्रा में शहद, मिश्री या गाय के घी के साथ मिलकर चटने से टी.बी. की खांसी जिसमें कफ में खून आता हो ठीक हो जाता है।



      14. बादी के रोग में अर्जुन के पेड़ की छाल के फायदे - arjun ke ped ki chaal ke fayde




      अर्जुन की जड़ की छाल का चूर्ण और गंगेरन की जड़ की छाल को बराबर मात्रा में लेकर उसका बारीक चूर्ण बनाए। चूर्ण को दो-दो ग्राम की मात्रा में चूर्ण रोज नियम से सुबह-शाम फंकी लेकर ऊपर से दूध पीने से बादी के रोग दूर होते हैं ।



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      15. रक्तपित्त अर्जुन के पेड़ की छाल के फायदे - arjun ke chhal ke fayde




      अर्जुन पेड़ की छाल दो चम्मच को रात्रिभर पानी में भिगोकर रखें, सुबह उसको मसल छानकर या उबाल लें उसका काढ़ा पीने से रक्तपित्त में लाभ होता है। रक्तपित्त या खून की उल्टी में अर्जुन के पेड़ की छाल के बारीक चूर्ण की दस ग्राम मात्रा को दूध में पकाकर खाने से आराम आता है ।



      16. कुष्ठ रोग में अर्जुन की छाल का चूर्ण - arjun ki chhal ka churn




      कुष्ठ रोग में अर्जुन की  छाल का चूर्ण चम्मच चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से एवं इसकी छाल को पानी में घिसकर लेप बनाकर त्वचा पर लगाने से कुष्ठ रोग में फायदा होता है।



      विशेष:




      अर्जुन की छाल का चूर्ण तथा उच्च रक्तचाप व हृदय रोग में अत्यंत लाभकारी है, यह हार्ट अटैक व दिल की धड़कन में बहुत ही उपयोगी है । ऊपर बताए फायदे के आलावा यह जीर्ण ज्वर, मूत्र के रोग, व कुष्ठ रोगी में भी लाभकारी है । अर्जुन का पेड़ की छाल के उपयोग को देखते हुए  इसके महत्व को समझा जा सकता है । गंभीर रोग में इसका उपयोग किसी वैध की सलाह से करे ।  इस लेख में अर्जुन के पेड़ की छाल के फायदे का वर्णन किया गया है, क्योंकी इस लेख लिखने का मूल उद्देश्य लोगो को आर्युवेद के प्रति जागरूक करना है । उम्मीद करता हूं आप को यह लेख पसंद आया होगा ।


      धन्यवाद ।

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