आम वृक्ष |
आम के औषधीय उपयोग एवं फायदे - aam ke aushdhye upyog evam fayde
इस लेख में आम के फायदे एवं नुक़सान का वर्णन किया गया है । भारत में आम की पैदावार बहुत होती है । यह ग्रीष्म ऋतु का फल है । देश, आकर, रंग, रूप के अनुसार इसकी अनेक जातियां पाई जाती हैं, देशी आम में रेशा अधिक होता है, इस लिए इसे चूस कर खाया जाता है, जबकि कल्मी आम काफी गूदे दार होता है, इसे काट कर खाया जाता है ।
कच्चे आम का प्रयोग, आम की चासनी आम का पना, व अचार बनाने के काम आता है । पके आम का प्रयोग खाने में एवम् मेंगोशेक के रूप में किया जाता है । औषधीय प्रयोग में कलमी आम की अपेक्षा देसी आम यानि चूसने वाले बीजू आम का प्रयोग अधिक लाभकारी होता है ।
कच्चे आम का प्रयोग, आम की चासनी आम का पना, व अचार बनाने के काम आता है । पके आम का प्रयोग खाने में एवम् मेंगोशेक के रूप में किया जाता है । औषधीय प्रयोग में कलमी आम की अपेक्षा देसी आम यानि चूसने वाले बीजू आम का प्रयोग अधिक लाभकारी होता है ।
आम का वैज्ञानिक नाम Mangifera idica L. है, अंग्रेजी में इसे Mango के नाम से जाना जाता है । इसे गुजरती में आंबों, बंगाली में आम्र अरबी में अंबज, पंजाबी में आंब कहते हैं ।
आम के गुण(Aam ke gun):
आम अनेक गुणों से भरपूर होता है आम के फल में अनेक विटामिन्स व मिनरल पाए जाते हैं । इसमें विटामिन ए, बी, व सी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। आम के फल की मज्जा रक्त शोधक, स्तंभन, कफ पित्त शामक, कच्चा आम त्रिदोष कारक, पका आम वात पित्त शामक होता है ।
आम का बौर अर्थात आम का फूल दीपक, मलरोधक, वातकारक, शीतल, पित्त व कफ नाशक होता है । आम की जड़ रूचिकारक, कसैली, मालरोधक, वात पित्त व कफ का नाश करती है । आम की गुठली उल्टी, दस्त, हृदय के दर्द को दूर करती है । आम की गुठली का तेल रुख कड़वा तथा कसैला होता है, यह कफ व वात का नाश करता है ।
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1. अतिसार में आम के फायदे (aam khane ke fayde):
- आम का गौंद व आम की गुठली की गिरी की बराबर मात्रा को मिलाकर इसकी एक ग्राम मात्रा एक दिन में दो तीन ग्राम सेवन करने से अतिसार में फायदा होता है ।
- आम की गुठली की गिरी, बेलगीरी तथा मिश्री तीनो की बराबर लेकर चूर्ण बना लें, इस चूर्ण की 3 से 6 ग्राम मात्रा पानी के साथ सेवन करने से अतिसार मिटता है ।
- आम की गिरी की पांच ग्राम मात्रा सौ गरम जल में उबाल कर इसमें इतनी ही मात्रा में और गिरी मिलाकर पीस लें, इसका प्रयोग दिन में तीन बार दही के साथ सेवन करने से अतिसार में फायदा होता है।
- आम की ताज़ी छाल को दही के पानी के साथ पीसकर पेट पर लगाने से लाभ होता है।
Aam |
2. लिवर की कमजोरी में आम का फायदा ( Amm ka fayda):
यकृत कमजोर हो गया हो और इस कारण से भूख लगना बंद हो जाए, पतले दस्त होते हों, तो आम के पत्ते सूखे हुए 6 ग्राम को एक पाव जल में उबालें, जब आधा बाकी रह जाए तो इसे छान लेवें, प्रातः काल इसका सेवन दूध में मिलाकर पीने से फायदा होता है।
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3. आम का तेल केश कल्प का काम करता है( Aam ka kesh kulp):
आम की गुठली का तेल सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं एवम् काले बाल जल्दी सफेद नहीं होते हैं । इससे बालों का जश्न भी बंद हो जाता है व रूसी की समस्या से भी निजात मिल जाती है ।
4. मधुमेह में आप के पत्ते के फायदे (amm ke patte ke fayde):
छाया में सूखे आम के पत्ते एक ग्राम को आधा किलो पानी में उबालें, जब इसकी अधी मात्रा एक चौथाई रह जाए तो इस जल को छान कर सुबह शाम पीने से मधुमेह में लाभ होता है ।
5. हिचकी रोकने में कारगर हैं आम के पत्ते (amm ke patte):
आम के पत्ते तथा धनिया दोनो को कूट कर इसकी 2 से 4 ग्राम मात्रा गुनगुने जल के साथ दिन में 2 से 3 बार सेवन करने से हिचकी एक दम रुक जाती है ।
आम के अन्य देसी घरेलू नुस्खे (amm ke desi nuskhe):
- आम की गोंद को बिवाई पर लगाने से बिवाई ठीक हो जाती है ।
- आम के फूलों का नस्य लेने से नकसीर में फायदा होता है ।
- आम के फल की छाल व पत्तों की बराबर मात्रा पीस कर मुंह में रखने से दांत व मसूड़े रोग रहित व मजबूत हो जाते हैं ।
- आम के कोमल पत्ते व कालीमिर्च दोनो को पानी के साथ पीस कर गोलियां बनाकर रखे, भयंकर उल्टी दस्त भी इससे बंद हो जाते हैं ।
- आम के फूल का काढ़ा या चूर्ण में एक चौथाई भाग मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेचिस, प्रमेह, व जलन और पित्त के साइड इफेक्ट कम हो जाते हैं ।
- 10 से 20 ग्राम आम के फूलों के रस में दस ग्राम खांड मिलाकर प्रयोग करने से पित्तविकर व प्रदर मिटता है ।
- आम के फूलों के चूर्ण लगभग 10 ग्राम को दूध के साथ सेवन करने से काम शक्ति में वृद्धि होती है ।
- ऐसा माना गया है कि आम में मक्खन से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, आम काप्रयोग उचित तरीके से करने से स्नायु तंत्र मजबूत होता है व शक्ति में वृद्धि होती है ।
- आम के कल्प का सेवन करने से बहुत से रोगों में लाभ होता है । जिन लोगो को पुराना अतिसार, संग्रहनी, मंदाग्नि, अजीर्ण, वायुगोला, नसों में सूजन, वात व पित का निरंतर प्रकोप, कमजोर हृदय व कमजोर मस्तिष्क हो तो ऐसे व्यक्ति को आम के कल्प का सेवन करना चाहिए ।
- आम के पत्ते की चाय - आम के दस पत्ते जो पेड़ पर पाक के पीले हो गए हों, को एक ली. पानी में एक दो इलायची डाल के पकाएं, जब पानी आधा बाकी रह जाए तो इसे उतार कर इसमें दूध व शक्कर डाल कर पिए, यह चाय पूरे शरीर को शक्ति देती है ।
- आम वृक्ष का गोंद थोड़ा ग्राम करके फूड पर लगाने से फोड़ा पककर फुट जाता है, और घाव आसानी से ठीक हो जाता है ।
- आम की गुठली को जल के साथ पीसकर लगाने से बर, मधुमक्खी, बिच्छू, ततैया, मकोड़े आदि विशेले कीड़ों का दंश उतार जाता है ।
कच्चे आम |
आम के अधिक खाने से नुकसान (Aam khane ke nuksan):
आम के कच्छे फल अधिक खाने से मदग्नी, रक्त विकार व नेत्ररोग आदि हो सकते हैं । आम के अधिक खाने से पाचन शक्ति खराब हो सकती है, अगर ऐसा हो तो ऊपर से दो तीन जामुन खा लें । जामुन न होने पर एक चुती नमक व पिसी सौंठ खा लें । आम का अधिक सेवन यकृत को नुकसान पहुंचता है, यकृत के रोगी को आम नहीं खाना चाहिए । आम खाने बाद ऊपर से पानी पीना नुकसान दायक हो सकता है, आम सेवन के बाद दूध पीना फायदेमंद होता है ।
इस लेख में आम के फायदे का वर्णन किया गया है, आशा करते हैं आप को पसंद आया होगा । इस तरह के हैल्थ से संबंधित देसी नुस्खों को जानने के लिए Read more पर क्लिक करें ।
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