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दालचीनी के फायदे - dalchini ke fayde

इस लेख में हम आपको दालचीनी के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं । दालचीनी के बारे में लगभग सभी लोग जानते होगे, यह रसोई में प्रयोग होने वाला एक मसाला है । दालचीनी मन को खुश करने वाली होती है ।

दालचीनी सभी तरह के दोषों को दूर करती है। यह पेशाब और मासिक धर्म ठीक से होने में फायदे करती है। यह धातु को पुष्ट तथा पागलपन को दूर करने में सहायता करती है।



दालचीनी का चूर्ण
dalchini

दालचीनी के फायदे-dalchini ke fayde in hindi एवम् उपयोग विभिन्न तरह के होते हैं । दालचीनी से तेल भी बनता है। दालचीनी, साबुन, दांतों के मंजन, चाकलेट, सुगंध व उत्तेजक पदार्थो के रूप में प्रयोग की जाती है। दालचीनी का तेल सूजन तथा दर्द को शांत करता है। सिर दर्द के लिये यह बहुत ही उत्तम औषधि है ।

दालचीनी, स्तम्भक, कीटाणुनाशक, वात हर और उल्टी रोकने वाली, पेट की गैस से छुटकारा दिलाने वाली होती है। चाय, काफी में दालचीनी डालकर पीने से स्वादिष्ट हो जाती है तथा जुकाम में भी फायदे होते है। दालचीनी की तासीर गर्म होती है ।

दालचीनी का पेड़ कैसा होता है

दालचीनी का पेड़ मुख्यता हिमाचल प्रदेश, श्रीलंका, व मालदीप में पैदा होती है । इस का हमेशा हरा रहने वाला वृक्ष 20 से 25 फिट ऊंचा होता है ।

इसके पत्ते 4 से 7 इंच लंबे होते हैं । इसकी पत्ती को हाथ से रगड़ने पर थिखी गंध आती है । इसका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है । दालचीनी के फूल गुच्छों में दुरगंध युक्त होते हैं ।

दालचीनी के फल लंबे अंडाकार, गहरे बैंगनी रंग के होते हैं । फल को तोड़ने पर इसके अंदर से दालचीनी की गंध आती है । दालचीनी के पेड़ की छाल रूखी भूरे रंग की 5 एमएम मोटी होती है । दालचीनी के पत्ते तेजपात के रूप में प्रयोग किए जाते हैं ।


दालचीनी के रासायनिक संगठन


दालचीनी की छाल में प्राय:आधे से 1 प्रतिशत तेल पाया जाता है । शुरू में यह हल्के पीले रंग का होता है लेकिन रखने के बाद लाल रंग का हो जाता है । दाल चीनी की पत्ती में भी एक प्रकार का तेल होता है । दालचीनी के बीज में 33 प्रतिशत एक तेल पाया जाता है, यह रंगहीन व कपूर जैसी गंध आती है ।

दालचीनी का वैज्ञानिक नाम है Cinnamomum Zeylanicum Bl,यह Lauraceae कुल का पौधा है । इसे अंग्रेजी Cinnamon में के नाम से जानते हैं ।

संस्कृत - दरूसिता, गुड़तवक, चोंच,

हिंदी - दालचीनी

बंगाली - दरूचनी

मराठी - पुहरचक

गुजराती - तज, बालची

पंजाबी - दालचीनी

तेलगु - वक्कल

फारसी - दारचिनी

अरबी - दारसीनी


दालचीनी के प्रकार

दालचीनी तीन प्रकार की होती है ।

1. इसको C. cassia के नाम से जाना जाता है । यह चीन से आती है, यह मोटी छाल की होती है ।

2. दालचीनी का नाम Cinnamomum sp.इसको भारत में लंका से मंगाया जाता है । यह चीन से मंगाई जाने वाली दालचीनी से पतली छाल की होती है । यह थोड़ी मीठी तथा काम तीखी होती है ।

3. इसका Cinnamomum tamal नाम है । यही दालचीनी मसाले के रूप में घरों में प्रयोग की जाती है । यह मोटी, कम तीखी, इसी के पत्ते का प्रयोग तेजपात के रूप में किया जाता है । यह भारत में ही पाई जाती है । भारत व चीन की दालचीनी को तज कहते है । तज में तेल नहीं पाया जाता है ।


दालचीनी खाने के फायदे क्या हैं?

1. दालचीनी एवम् दूध के फायदे-dalchni evam doodh ke fayde in hindi

  • जिन लोगों को रात में नींद न आने की परेशानी होती है उन्हें सोने से पहले दालचीनी वाला 1 गिलास दूध का उपयोग अवश्य करना चाहिए । इससे नींद अच्छी आती है।
  • दालचीनी में ऐेसे ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करते हैं। ऐसे में मधुमेह के रोगी के लिए दालचीनी वाला दूध काफी फायदे करता है।
  • दालचीनी वाला दूध पीने से पाचन सुदृढ होता है और पेट में अम्लता नहीं रहती है । ऐसे में जिन लोगों को खाना सही से नहीं पचता है उन्हें हर रोज दालचीनी सेवन अवश्य करना चाहिए। हड्डियां मजबूत करने में दालचीनी के फायदे होते हैं। जो लोगों को गठिया की समस्या से जूझ रहे है उन्हें नियमित रूप से दालचीनी व दूध का सेवन करना चाहिए।
  • दालचीनी पाउडर त्वचा में बहुत फायदे ही फायदे करता है। दालचीनी वाला दूध पीने से दालचीनी का एंटी- बैक्टेरियल गुण त्वचा और की कई परेशानियों से बचाता है।

2. पेट रोग में दालचीनी के फायदे-dalchini ke fayde hindi me)

  • पांच ग्राम दालचीनी के चूर्ण में एक चममच शाह मिलाकर, दिन में तीन बार लेने से अतिसार, अफ़ारा, तथा ग्रहणी रोग में दालचीनी खाने के फायदे होते है ।
  • पेट दर्द एवम् उल्टी होने पर इसमें दालचीनी के तेल की 5 से 10 ग्राम मात्रा को मिश्री के साथ मिलाकर सेवन करने से पेट के रोग में फायदे होते है ।
  • अगर दस्त हो गए हों तो 4 ग्राम दालचीनी , कत्था 10 ग्राम दोनो को एक साथ पीसकर इसमें 250 ग्राम उबलता हुए पानी डालकर डाक दें, दो घंटे बाद इसे छान कर दो भाग कर रोगी को पिलाने से दस्त में फायदे होते हैं ।
  • पित्त के कारण होने वाली उल्टी में 10 से 20 ग्राम दालचीनी का क्वाथ पिलाने से वमन में फायदा होता है ।
  • अगर पेट की आंत में खींचाव हो जाए तो दालचीनी का तेल पेट पर मलने से आंत का खीचाव ठीक हो जाता है ।
  • अतिसार होने पर दालचीनी के चूर्ण की 2 से 5 ग्राम को बेल गिरी के शरबत में मिलाकर सुबह शाम दो बार पीने से अतिसार में फायदे होते है ।
  • दालचीनी का चूर्ण 750 मिली ग्राम व 500 मिलीग्राम कत्था दोनों को मिलाकर जल के साथ फंकी दिन में तीन बार लेने से लेने से दस्त में फायदा होता है ।
  • अमाशय में ऐठन हो जाए तो दालचीनी इलायची और तेजपत्ता बराबर मात्रा में लेकर इसका क्वाथ बना लेवें, इस दालचीनी क्वाथ का सेवन करने से अमाशय की ऐठन दूर होती है ।
  • दालचीनी एवम् लौंग को बराबर मात्रा में लेकर इसका क्वाथ बनाकर सेवन करने से वमन में फायदा होता है ।

3. मधुमेह में दाल चीनी के फायदे-dalchini ke fayde in hindi )


दालचीनी कैल्शियम बहुत ही उत्तम स्रोत है। दालचीनी शुगर को सन्तुलित करने के लिए एक बहुत अच्छी दावा है, इसलिए इसे आर्थिक रूप से काजोर व्यक्ति का इंसुलिन भी कहा जाता हैं। दालचीनी खाने का स्वाद तो बढ़ाती है, बल्कि यह शरीर में उपस्थित रक्त शर्करा को भी नियंत्रित करता है।

इसका सेवन करने वाला व्यक्ति मधु मेह से बचा रहता हैं और  साथ ही जो मधुमेह के रोगी हैं वे इसके उपयोग से रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर सकते है।

  • कप पानी में दालचीनी पाउडर को उबालकर, छानकर रोजाना सुबह पियें। इसे कॉफी में भी मिलाकर पी सकते हैं। इसे सेवन करने से मधुमेह में फायदे होते हैं ।
  • एक कप पानी में दालचीनी चूर्ण को उबालकर, छानकर रोजाना सुबह पीने से मधुमेह में फायदे होते है । दालचीनी पाउडर को कॉफी में भी मिलाकर पी सकते हैं ।
  • नित्य तीन ग्राम दालचीनी का सेवन करने से न केवल रक्त में शर्करा की मात्रा कम होती है, बल्कि खुल कर भूख भी लगती है, पिसी हुई दालचीनी चाय में एक चुटकी मिलाकर रोज दिन में दो तीन बार पीने से मधुमेह की बीमारी में फायदा मिलता है। दालचीनी का पानी पीने से से रक्त में शर्करा के स्तर में कमी की जा सकती है।

4. कोलेस्ट्रॉल को कम करने में दालचीनी के फायदे ( dalchini ke fayde )


एक चम्मच शहद व तीन चम्मच दालचीनी चूर्ण एक कप पानी में मिलाकर प्रतेक दिन दो से तीन बार सेवन करने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल को मात्रा काम होती है ।

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5. जोड़ो के दर्द में दालचीनी का पेड़ (dalchini ka ped)


दालचीनी के चूर्ण की 10 10 से 20 ग्राम मात्रा को 20 से 20 ग्राम शहद के साथ मिलकर पेस्ट बना लें, दर्द वाले स्थान पर हलकी मालिश करने से फायदा होता है । इसके साथ एक चम्मच शहद 2 ग्राम दालचीनी का चूर्ण को एक कप गुनगुने जल में मिला लें, इसको दिन में सुबह दोपहर व शाम को तीन बार लें ।

6. चर्मरोग में दालचीनी के फायदे (dalchini ke fayde in hindi)


खुजली, फोड़े फुंसी, दाद होने पर दालचीनी पाउडर को शहद के साथ मिलकर रोग ग्रसित भाग पर लगाने से आराम मिलता है ।

7. दांतदर्द में दालचीनी का पेड़ (dalchini ka ped)

  • दांत में दर्द होने पर दालचीनी का तेल का फत दांतो पर लगाने से दांत दर्द में आराम मिलता है ।
  • दालचीनी के पत्ते यानी तेजपात के 5 से 6 एनजी पीस कर मंजन करने से दांत दर्द में आराम मिलता है ।

8. सिरदर्द में दालचीनी के फायदे (dalchini ke fayde)

  • दालचीनी के तेल को माथे पर लगाने से सर्दी के कारण हुआ सिरदर्द ठीक हो जाता है ।
  • अगर जुकाम के कारण सिर में दर्द हो तो दालचीनी को घिस कर गरम करके मांथे पर लेप लगाना चाहिए ।
  • दालचीनी के पत्ते यानि टेजपात के साथ से दस पत्ते पीस लेप बनाकर कर कपाल पर लगाने से सर्दी और गर्मी के कारण हुआ सिरदर्द ठीक हो जाता है ।


9. ज्वर में दालचीनी के फायदे (dalchini ke fayde in hindi)


सर्दी के कारण हुए वायरल बुखार में पांच ग्राम दालचीनी में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह, दोपहर, शाम तीनों समय सेवन करने से ज्वर में फायदे होते है ।

दालचीनी के नुकसान ( dalchini ke nuksan)


दालचीनी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, गरम प्रकृति वाले लोगो को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, इससे इन लोगो के सिरदर्द पैदा हो जाता है । गर्भवती महिलाओं को भी दालचीनी सेवन नहीं करना चाहिए, इससे गर्भ गिरने की संभावना रहती है । इस लिए दालचीनी का उपयोग सही मात्रा में ही करें । सीमित मात्रा में सेवन करने से ही दाल चीनी के फायदे होते हैं ।