नीम के पत्तों के फायदे एवम् नीम का उपयोग त्वचा रोग मे कैसे करें

त्वचा रोग में नीम के पत्तों के फायदे - benefits of neem in hindi


इस लेख में आपको नीम का उपयोग कैसे करें, एवं नीम के पत्तो के फायदे के बारे मे बताने जा रहे है। नीम त्वचा के औषधीय कार्यों में उपयोग की जाती है। नीम के पेड़ को औषधीय पेड़ क्यों कहा जाता है । यह भी जानना आवश्यक है । नीम स्वास्थ्यवर्धक एवं आरयोग्यता प्रदान करने वाला है । चरम रोग मे इसका विशेष महत्व है । इसे मृत्यु लोक का कल्पवृक्ष कहा जाता है।



इसे इस लिए औषधीय पेड़ कहा जाता है क्योंकि नीम का उपयोग त्वचा की चेचक जैसी भयंकर बीमारिया नही होती तथा इससे रक्त शुद्ध होता है। ये सभी प्रकार की व्याधियों को हरने वाला है ।

भारत में नीम का उपयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है, आज के समय में बहुत सी एलोपैथिक दवाइयां नीम की पत्ती व उसकी छल से बनती है । 

नीम के पेड़ की हर अंग फायदेमंद होता है, बहुत सी  बीमारियों का उपचार इससे किया जाता है । भारत में नीम का पेड़ घर में लगाना शुभ माना जाता है।

नीम का उपयोग कैसे करें
neem ka ped

नीम स्वाद में कड़वा होता है, लेकिन नीम जितनी कड़वी होती है, उतनी ही फायदे वाली होती है । यहां हम आपको नीम के गुण और उसके लाभ के बारे में बता रहे हैं । जिसे आप घर में ही नीम का उपयोग कर बहुत बीमारियों का उपचार कर सकते हैं ।


नीम का scintific name- azdirachta indika he तथा meliaceae कुल का पौधा है। आंग्रजी मे Neem को morgosa tree कहते है। 

नीम स्वास्थवर्धक तथा बीमारियो को दूर करने वाला पौधा है । नीम से अनेक बीमारियां दूर होती हैं । वर्षा ऋतु मे नीम के कोमल पत्ते का विशेष महत्व इससे त्वचा रोग, चेचक, एवं कुष्ट रोग संबंधित बीमारिया नही होती है ।  

नीम का उपयोग करने से रक्त शुद्ध होता है । जो व्यक्ति नीम का साग नियम पूर्वक खाता रहता है उसे विषैले कीड़ों द्वारा काटने पर कोई नुकसान नही होता है । neem एक बहुत ही बढ़िया कीटाणु नाशक है तथा रक्त शोधक के गुण पाये जाते है । 

नीम 10-20 मीटर ऊचा घना शाखायुक्त तथा सदा हरा रहने वाला पौधा है इसके पत्ते 20-35 सेमी लंबे किनारो पर कटे होते है । तथा फल चिकने 3-8 सेमी लंबे होते है इसका बीज अंडाकार एकल एवम् नुकीला होता है । नीम के पेड़ पर फूल जनवरी से अप्रैल  में आते हैं ।


नीम के रसायनिक संघटन:


नीम की लकड़ी मे टैनिन, तेल, ग्लूकोसाइड, nimatone, निबोलीन, baklectone पाया जाता है । नीम की छाल में टैनिन, स्टिग्मास्टिरोल, लयुपिओल, कंपेसटीरोल, A & B एमाएरीन, निमबीन एवं मीथाइल क्लूनेट पाया जाता है। इसके पत्ते मे निम्बनीन, निमबीन, निम्बेन्दीओल पाया जाता है।


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नीम के पत्तों के फायदे - neem ke patto ke fayde


नीम मलेरिया, खांसी, सुगर, अलसर आदि बीमारी में काम आता है । यह लीवर, किडनी में भी फायदा करती है । नीम के पत्ते का प्रयोग करने से स्किन के दाग धब्बे दूर होते है । नीम के अत्यधिक प्रयोग करने से एलर्जी हो सकती है ।

नीम के पत्तों का फायदा - Neem ke patte ke fayde


1. चेचक में नीम के पत्ती के उपयोग - neem leaves how to use


1.1.  नीम  रंग की कोमल पत्ती 7 नग, कालीमिर्च 7 नग, आपस मे कूट ले ओर एक महीने तक नियम पूर्वक इस तरह नीम खाने से एक साल तक चेचक नही निकलती । चेचक के दानो की जलन शांत करने के लिए नीम के 5-10 बीज की गिरी पानी मैं घिस कर लेप करते है ।

1.2.  अगर चेचक के दानो मे गर्मी हो तो Neem की 10 ग्राम कोमल पत्तिया पीस कर पतला लेप लगाना चाहिए।
1.3.   चेचक निकलते समय रोगी को बेचैनी हो तो नीम की हरी पत्तियो का 10-12 mg रस सुबह, दोपहर, शाम पिलाना चहिये ।चेचक के दने सूखने पर छोटे छोटे गड्ढे के निशान बन जाते हैं, इस निशानों पर नीम का तेल या नीम के बीजो की गिरी घिस कर लगाने से दाग मिट जाते है ।

1.4.  नीम के फायदे बलो के लिए - चेचक के रोगी के यदि बाल झड़ जाए तो कुछ दिन तक सिर मे नीम तेल लगाने से बाल फिर से उग सकते है ।

1.5.  नीम की जड़ - neem ki jad की ताजी छाल और  के बीज की गिरी 10-10 ग्राम, दोनो को अलग अलग नीम के ताजे पत्तो के साथ पीस कर भली प्रकार मिलालें, मिलते समय ऊपर से नीम का रस मिलते जाए और उबटन तैयार कर ले । ये उबटन खुजली, फुंसी, शरीर से आने वाली दुर्गन्ध आदि विकारो को दूर करता है।

2. श्वेत कुष्ठ में नीम की पत्ती खाने के फायदे - neem ki patti khane ke fayde


2.1.  ताजी नीम की पत्ती 5 नग और हरा आंवला 10 ग्राम लें सुबह सूर्योदय के पूर्व ही ताजे जल मे पीस छान कर पी लें ।

2.2. नीम की पत्ती फूल व फल को बराबर मात्रा मे मे लेकर जल मिला कर पीस ले इसकी 2 ग्राम मात्रा जल के साथ सेवन करने श्वेत कुष्ट मे लाभ होता है ।


3. गलित रोग में नीम के उपयोग - uses of neem in hindi


3.1.  रोगी को नीम की पत्ते उबाल कर स्नान करना चाहिए । नीम के तेल मे नीम की रख मिला कर घाव पर लगाने से लाभ होता है । रोगी को साल भर नीम के पेड़ के नीचे सोना चाहिये तथा बिस्तर पर नीम की ताजी पत्तिया बिछानी चाहिए । और नीम की लकड़ी का दातुन करना चाहिए । 

3.2.  कुष्ट के  सुबह उठ कर लगातार 10 मिली नीम का स्वारस पीना चाहिए । पूरे शरीर मे नीम का तेल तथा नीम के स्वारस की मालिश करनी चाहिये ।

3.3.  नीम की गिरी से भी कुष्ट रोग का उपचार किया जा सकता है, रोगी को पहले दिन एक गिरी दूसरे दिन दो गिरी, इसी तरह 1-1 गिरी बढाते हुए 100 गिरी तक खिलाये, फिर घटाते हुए  एक गिरी तक आ जाएं । फिर इसका सेवन करना बंद कर दें । अन्य खाने मे चने की रोटी व घी के अतिरिक्त कुछ ना ले ।

3.4.  नीम की गिरी को 100 मिली नीम के तेल मे मोम डाल कर गर्म करे,जब दोनो चीज़े अच्छी तरह से मिल जाए तो इसे उतार कर इसमे 10 ग्राम राल का चूर्ण मिलाए, ये मलहम आग से जाले घवो के लिए भी उपयोगी है  ।
                         
3.5.  नीम का तेल 50 ग्राम में 10 ग्राम कपूर मिला कर घाव पर रखने से घाव ठीक होता है ।

3.6.  भगंदर जैसे घाव मे नीम व कपूर मिला कर बत्ती अंदर रखने से लाभ होता है । 

 4. चर्म रोग में नीम की पत्तियों के फायदे - benefits of neem


4.1.  नीम की छाल के उपयोग - फोड़ा, फुंसी, दाद, खुजली, छाजन आदि रोगों के लिये पुरने नीम वृक्ष की सूखी छाल को बारीक पीस कर रख ले, 3 ग्राम चूर्ण को 250 मिली पानी मे रात को भिगो कर रख दे, सुबह छान कर शहद मिला कर रोगी को दे ।

4.2. नीम पत्ते के रस मे कपड़े की पट्टी भिगो कर बांध कर बदलते रहने से एग्जिमा ठीक हो जाता है।

4.3.  गीली छाज में नीम के 10 पत्ते पीस कर बंधने से लाभ होता है ।

4.4.  नीम की निबोली के फायदे - बरसात के दिनों मे बच्चो को फोड़े फुंसी आदि हो जाती है इसके उपचार के लिए 5-10 नीम की निबोली पकी को पानी के साथ दो-तीन बार देने से फोड़े फुंसिया नष्ट हो जती हें।



5. दाद में नीम के पेड़ के उपयोग -  uses of neem tree in hindi 


5.1. नीम के 7-10 पत्ते पीस ले उसमे दही मिला कर लेप करने से दाद मे आराम मिलता है।

5.2. नीम पत्ती के रस मे गंधक, सुहागा, कत्था, नीला थोथा, कलौंजी बराबर मात्रा मे पीस घोट कर गोली बना ले, गोली को पानी मे घिस कर रोज लगाए लाभ होगा ।


नीम का उपयोग - neem ka upyog

 

1. वजन कम करने में नीम का उपयोग - neem uses in hindi


अगर आप वजन कम करने को आवश्यकता महसूस करते है, तो प्रतिदिन नीम का जूस पीना शुरू कर देना चाहिए, इससे शरीर का मेटाबोलिज्म नियंत्रित होगा जिससे शरीर में फैट में नहीं जमा होगा और वजन कम होने लगेगा ।

2.  रक्त शर्करा में नीम की पत्ती खाने के फायदे - neem ki patti khane ke fayde


नीम के पत्ते - neem ke patte में एक ऐसा तत्व होता है जो रक्त में उपस्थित शुगर को नियंत्रित करता है । डायबटीज वालों के लिए ये रामवाण औषधि है । 

रोजाना नीम के पत्ते खाने से इंसुलीन की मात्रा शरीर मे बड़ जाती है । प्रतिदिन नीम की पत्तियों के रस को निकालकर सुबह खाली पेट पीने से रक्त में शर्करा की मात्रा नियमित हो जाती है ।

3.  कैंसर में नीम के पेड़ के फायदे - neem tree in hindi 


एक जानकारी के अनुसार यह माना गया है कि नीम में प्रोटीन होता है, जो खून में उपस्थित कैंसर के बैक्टीरिया से लड़ता है तथा उन्हें कंट्रोल करता है । 

नीम का जूस - neem ka juice रोज सुबह पीने से शरीर में मौजूद सभी विषेले तत्व बाहर निकल जाते है । रोजाना नीम के जूस का सेवन करने से  कैंसर की बीमारी से भी बचे रह सकते है ।

4. संक्रमण से रक्षा करने में नीम के पत्तों के फायदे - neem benefit in hindi


अनेक बार शरीर में तरह तरह के संक्रमण हो जाते है, जिसके कारण दाद, खुजली आदि होने लगती है, कभी कभी फंगस के कारण भी संक्रमण होता है, जिससे बचने के लिए नीम को कूट कर इसके पेस्ट का प्रयोग कर सकते है । दाद, खाज, खुजली में नीम का तेल बहुत ही फायदे वाला साबित होता है ।

5. दांतों में नीम के पेड़ का उपयोग  - neem tree uses in hindi 


नीम का डंठल ( दातून ) का उपयोग सदियों से हमारे देश में दांतों को दातुन करने के लिए किया जाता है । नीम के एंटीबायोटिक गुण के कारण दांतों से जुडी अनेक समस्याएं समाप्त कर देता है । इससे दांत मजबूत व चमकदार बनते है ।




6. रक्त के प्रवाह को नियमित करने में नीम के उपयोग - benefits of neem tree in hindi 


नीम रक्त नलिकाओं में गंदगी एकत्रित नहीं होने देता, जिससे रक्त का प्रवाह शरीर में बेहतर बना रहता है । इससे खून भी साफ रहता है । नीम का जूस - neem ka juice रोज पीने से शरीर में खून से संबंधी समस्या समाप्त हो जाती है ।

7. पेट रोग में नीम के पत्तों के फायदे - neem ke patte ke fayde


पेट में, अल्सर, गैस जैसी समस्या से नीम का  पानी पीकर छुटकारा पाया जा सकता  किया जा सकता है । पेशाब में जलन होने पर नीम की पत्तियों को खाली पेट चबाना चाइये, ऐसा करने से जल्दी फायदा मिलता है ।

नीम के कुछ विशेष उपयोग -neem ke upyog in hindi


  • नीम का पौधा घर में ऐसी जगह पर लगायें, जहाँ से सम्पूर्ण घर में  उसकी हवा पहुंच सके।

  • घर के मुख्य द्वार पर नीम का पौधा लगाना  शुभ माना गया   है ।

  • नीम की दातुन जरूर करनी चाहिए, ऐसा करने से दांतों साफ रहते हैं तथा आवाज कि समस्या नहीं रहती है ।

  • नीम की लकड़ी के पलंग पर सोने से त्वचा से जुड़ी परेशानी से बचा का सकता है । 

  • नीम के तेल और छाल के उपयोग से कुष्ठ रोग से दूर रहा जा सकता है । 

  • अगर शनि का प्रकोप हो या दशा अच्छी न हो तो नीम की लकड़ी की माला धारण करें ।

  • नीम के पत्तों की माला बनाकर टांगने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती है ।

नीम के इतने सारे फायदे है कि इसे आप अपनी डेली लाइफ में शामिल कर सकते है । नीम को उपयोग में लाकर अनेक बीमारियों से बचा जा सकता है, अगर आप स्वस्थ रहना चाहते है तो नीम की पत्ती का उपयोग प्रतिदिन सुबह करना प्रारंभ कर दें, इससे आप अनेक बीमारियों से बचे रह सकते हैं ।


नीम की पत्ती खाने के नुकसान - neem ki patti khane ke nuksan


एक अध्ययन के अनुसार, प्रतिदिन तीन मिलीग्राम से ज्यादा नीम के पत्तों का रस पीने से मेल शुक्राणु नष्ट हो सकते हैं। 

अध्ययन के अनुसार, नीम का रस ना केवल स्पर्म को गति को कम कर सकता है बल्कि कुछ ही देर के अंदर ही सारे मानव शुक्राणु को भी खत्म कर सकता है। एक अध्ययन में ये भी ज्ञात हुआ है कि नीम के पत्तों के रस का शुक्राणु की मॉर्फलोजी पर कोई असर नहीं डालती है।

अध्ययनों के अनुसार, रोजाना दो मिलीग्राम से भी कम नीम के पत्तों - neem ke patte का रस आसानी से पिया जा सकता है । इसका रस पीने से पहले पहले किसी चिकित्सक से सलाह अवश्य लें लेवें । 

नीम के जूस को रोजाना पीने से बचना चाहिए । अन्यथा इससे यौन स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। एक जरूरी जानकारी यह है कि नीम के पत्तों का रस बनाने से पहले नीम के पत्ते पानी में भिगोकर अवश्य रखें।

ऊपर बताई गए नीम के पत्तों के फायदे के अलावा कभी कभी कुछ लोगों को नीम का उपयोग नही करना चाहिए, जो लोग कमजोर काम शक्ति वाले होते है, वे नीम का उपयोग न करे, या वो लोग जो लोग सुबह से ही शराब आदि का सेवन करते है, वे लोग भी नीम का सेवन न करे । 

फिर भी बहुत थोड़ी मात्रा मे ( 2-3 ग्राम) नीम के चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है । कुछ विशेष तथा असाध्य रोगों मे नीम का सेवन चिकित्सक की सलाह लेने पर ही करें ।

इस लेख में नीम के पत्तों के फायदे एवम् नीम का उपयोग कैसे करे? का वर्णन किया गया है । आशा करते हैं कि यह लेख आपको अवश्य पसंद आया होगा ।
धन्यवाद।
                         
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