गेंहू के जवारे के फायदे -wheatgrass benefits in hindi
गेंहू के जवारे |
गेहूं का जवारा, में आयडीन, सेलेनियम, आयरन और विटामिन A, B2, C और E आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं । गेंहू के ज्वारे के रस में प्रचुर मात्रा में भी फाइबर पाया जाता है । फायदे अनेक हैं ।आयुर्वेद में इसके रस को संजीवनी बूटी भी कहा गया है ।
|
व्हीटग्रास जूस कैसे बनाएं - weatgrass juice kaise banaye
1. आठ से दस गेंहू के ज्वारे की पत्तियां एक दम नीचे से काट कर अच्छी तरह से धो कर साफ़ कर लें। अब इसे सिल या मिक्सी में डाल कर पीस लेवे और इसका रस निकाल ले । अधिक मात्रा में रस निकालना हो तो मिक्सर अधिक उपयुक्त होता है ।
2. गेंहू की जवारे पीसने के बाद एक साफ़ कपडा लेकर पिसी हुई पत्तियां कपड़े में डाल कर इसका रस निचोड़ ले।
3. व्हीटग्रास जूस निकलने के बाद इसे लंबे समय तक न रखे तुरंत ही इसका सेवन करना है, और एक बात का विशेष ध्यान रखना है कि जूस को घूंट घूंट कर के ही पिए, एक बार में कभी ना पिए।
4. जूस निकालते समय इसमें आंवला, नीम, गिलोय, तुलसी अदरक तुलसी, शहद और भी डाला जा सकता है। इनके प्रयोग से जूस और अधिक पॉस्टिक और गुणवान हो जाता है।
5. इस बात का ध्यान रखना है की इसमें नींबू और नमक का प्रयोग बिल्कुल भी न करें ।
गेंहू का जवारा खाने की विधि:
गेहूं के जवारे का रस पीने का तारीका-wheatgrass juice in hindi
गेंहू के जवारे का रस पीने की एक विशेष पद्धति है । रस को एक साथ एक ही बार में तेजी से ना पियें, बल्कि एक-एक घूंट करके पीना चाहिए । ऐसा करने से रस में लार का मिश्रण मिक्स हो जाता है, जिस कारण यह पचकर शरीर में अच्छे से पहुंच जाता है।
जिन लोगों को जवारे का रस - jawara juice पीना बिल्कुल अच्छा ना लगता हो अथवा स्वादिष्ट न लगता हो या पीने से उबकाई आती हो वह लोग जवारे के रस में अंगूर या मौसम्मी का थोड़ा जूस मिला लेवें । लेकिन स्वाद के लिए जवारे के रस में नमक, कालीमिर्च या अन्य कोई भी मसाले न मिलाएं।
इसका सेवन करने का एक तरीका यह है कि, गेंहू के जवारे को चबाकर खाया जाए । गेंहू के जवारे को चबाकर खाने से उसमें मुंह की लार मिली होती है । इससे उनके पाचन की प्रक्रिया मुंह से ही प्रारंभ हो जाती है । जवारे चबा लेने के बाद बचे हुए रेशों को थूक दें । फिर भी यदि रेशों के कुछ टुकड़े पेट में चले जाते हैं तो उनसे लाभ ही होता है ।
जवारे के रेशे कब्ज को रोकते हैं और उसे दूर करते हैं । साथ ही जवारे को चबाकर खाने से दांतों कि कसरत हो जाती है, इससे दांत स्वच्छ और मजबूत बनते हैं, इसके अलावा जवारे में उपस्थित क्लोरोफिल दांतों की सड़न को दूर करता है ।
गेंहू के जवारा का रस पीने के एक घंटे बाद तक कोई भी आहार का सेवन न करें। ज्वारे के रस में फलों और सब्जियों के रस जैसे सेव,अन्नानास आदि के रस के साथ मिलकर पिया जा सकता है। इसमें कभी भी खट्टे फलों के रस जैसे नींबू, संतरा आदि के रस में न मिलाएं, क्योंकि यह ज्वारे के रस में उपस्थित एंजाइम्स को नष्ट कर देती है।
गेहूं के जवारे का रस कब पीना चाहिए
आमतौर से इसका सेवन किसी भी समय कर सकते हैं। लेकिन, अधिकतर लोग इसका सेवन सुबह के समय करते हैं। खाना खाने से पहले भी इसका सेवन किया जा सकता हैं, इससे शरीर को जरुरी पोषक तत्व की पूर्ति होती है और व्यक्ति स्वस्थ महसूस करता है ।
गेंहू के ज्वारे के फायदे -gehu ke jaware ke fayde
1. गेहूं के जवारा में शुद्ध रक्त बनाने की ताकत होती है, इस लिए ज्वारा के रस - jaware ka juice को ग्रीन ब्लड कहा जाता है। इसे ग्रीन ब्लड कहने की एक वजह यह भी है कि गेहूं के ज्वारे के रस और मानव रक्त, दोनों का पी.एच. फैक्टर 7.4 ही है, जिसके कारण इसके रस का सेवन करने से इसका रक्त में अवशोषण शीघ्र हो जाता है।
2. गेहूं का ज्वारा ( genhu ka jawara ) रक्त व रक्तसंचार संबंधी रोगों, रक्त की कमी, शुुगर, कैंसर, त्वचा रोग, मोटापा, किडनी और पेट संबंधी रोग के उपचार में फायदेमंद हैं।
5. गेहूं के जवारे को कच्चा चबाने से गले की खराश और मुंह की बदबू दूर होती है। इसके रस के गरारे करने से दांत और मसूड़ों के संक्रमण में फायदा मिलता है। स्किन पर ज्वारे का रस लगाने से त्वचा में चमक पैदा होती है।
व्हीटग्रास के फायदे - weatgrass in hindi
1. व्हीटग्रास जूस के फायदे त्वचा में - wheat grass juice benefits in hindi
2. रक्त को शुद्ध करने में ज्वारे के रस के फायदे - wheat grass in hindi
3. हड्डियों के दर्द में गेंहू के ज्वारे के फायदे - wheat grass benefits in hindi
4. बाल झड़ने की समस्या में गेंहू जवारे के फायदे - gehu ke jaware ke fayde
5. गेंहू के जवारे में एंटीसेप्टिक गुण होता है
गेंहू के जवारे के अन्य फायदे - wheat grass in hindi
- गेहूं का जवारा मुँहासों को ठीक करने में सहायता करता हैं ।
- गेहूं के ज्वारे से डायबिटीज की पहले स्तर या उन्नत स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है ।
- शराब पीने के बाद होने वाले हैंग ओवर का भी गेहूं के जवारे से नियंत्रित किया जा सकता है ।
- इसमें बायोफालावोनॉयड होता है, जिसे एपिगेनिन कहा जाता है जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है ।
- गेहूं के ज्वारे के पाउडर को नियमित रूप से खाने से पुरुषों और महिलाओं दोनों के ही प्रजनन तंंत्र को स्ववस्थ रखता है, गेंहू के जवारे में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जिसके कारण मोटापा अथवा शरीर का वज़न कम करने में सहायता मिलती है ।
- कब्ज़ से पीड़ित व्यक्ति अगर गेहूं के जवारे के रस का उपयोग करें तो उनका पेट साफ करने में सहायता मिलती है ।
- अगर किसी को जी मचलाने या उबकाई आने की समस्या है तो गेहूं के जवारे का जूस पीने से इस रोग से निजात मिलती है ।
- गेहूं के जवारे का सेवन प्रतिदिन लगातार करने से बुढ़ापा दूर रहता है और व्यक्ति जवान बना रहता है ।
- गेहूं का जवारा ( genhu ka jawara ) शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाता है और हार्ट अटैक से रक्षा करता है।
- गेहूं का ज्वारा शरीर के पी एच लेवल को नियंत्रित करता है तथा एसिडिटी की समस्या से आराम दिलाता है।
- गेहूं के जवारे का सेवन करने से बुद्धि तेज़ होती है, और तनाव कम होता है।
गेंहू का जवारा घर पर उगाने की विधि
- रात के समय लगभग 100 ग्राम गेहूँ के दाने एक बर्तन में भिगो कर छोड़ दें ।
- पहले से ही 7 गमले तैयार कर लेवें इसके लिए एक गमले में मिट्टी की दो इंच मोटी परत बिछा दें और थोड़ा सा पानी छिड़क दें।
- मिटटी और खाद को अच्छी तरह मिला कर गमले के छेद को बंद करके इसमें खाद भर दें । इनमे कभी भी रासायनिक खाद या कीट नाशक दवाओं का प्रयोग न करें ।
- पहचान के लिए सातों गमलो पर एक से सात तक नंबर डाल दें।
- अगले दिन गेहूं के दानों को धोकर साफ़ कर पहले गमले में गेहूँ को परत के रूप में बिछा दें और ऊपर से थोड़ी मिट्टी डाल दें और पानी का छिड़काव के दें।
- गमले को किसी छायादार स्थान पर जहां भरपूर हवा और सूर्य की रोशनी आती हो, पर सूर्य की किरणे सीधी गमलों पर न पड़े।
- अगले दिन दूसरे नम्बर के गमले में गेहूं बो दीजिये और इस तरह रोज अगले नंबर के गमले में गेहूँ बोते रहें।
- शुरूआत के दो-तीन दिन गमलों को गीले अखबार से ढक कर रखें और गमलों में प्रतेक दिन स्प्रे बोटल से दिन में दो बार पानी का छिड़काव करें जिससे मिट्टी में आवश्यक नमी बनी रहे।
- जब गैहूँ के ज्वारे डेढ़ इंच साइज तक के हो जाये तो एक बार ही पानी देना प्रयाप्त है । कि गर्मी के सीजन में आवश्यक नमी बनी रहे और पानी की अधिकता भी न हो।
- सात दिन बाद जब पौधे में 5-6 पत्तियां निकाल आएं और जवारा 7-8 इन्च लम्बा हो जाये तब इन को उखाड़ कर और इनकी जड़े काट कर पानी से अच्छी तरह धो कर पीस ले और इसका रस निकाल ले व इसका सेवन करे।
- लंबे समय तक ज्वारा प्राप्त करने के लिए जैसे-जैसे गमले खाली होते जाये वैसे वैसे खाद मिटटी बदल कर नए बीज बोते जाएं ।
- जब तक गंहु के ज्वारा की आवश्यकता हो तब तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहे। इस तरह जवारा घर में ही पूरे वर्ष भर उगाया जा सकता है।