Thursday, May 17, 2018

गिलोय का फीवर में उपयोग कैसे करें

giloy ki bel ke fayde in hindi,
Giloy ki bel 




गिलोय का उपयोग - giloy in hindi



इस लेख में आपको गिलोय के फायदे -benefits of giloy in hindi एवम् बुखार तथा अनेक रोगों मे गिलोय का उपयोग कैसे करें, बताने जा रहे हैं । सामान्यत: गिलोय का काढ़ा बुखार एवं अनेक रोगों मे किया जाता है ।




गिलोय को अमृता अर्थात कभी ना सूखने वाली बेल कहते है । अंग्रेजी में इसे tinospora के नाम से जााना जाता है । गिलोय को भाषा के अनुसार गडूची, अमृवल्ली, गूलवेल, मधुपर्णी, कुन्डलिनी आदि नमो से जाना जाता है । 



गिलोय का काढ़ा कैसे बनाए - giloy ka kadha kaise banaye 




गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए गिलोय के बेल की मजबूत डांडिया लेकर इसे कूट लें, या फिर बाजार से गिलोय का चूर्ण भी ले सकते हैं, 25 ग्राम चूर्ण को 400 मिली ली. पानी में उबाल लेवें और इसे तब तक उबालें जब तक पानी एक चौथाई रह जाए। अब इसे आग से उतार लें, ठंडा हो जाने पैर इसमें एक चुटकी पीपली का चूर्ण मिला लें। आप का काढ़ा तेयार हो गया। इस के की 10 से 15 मिली कि मात्रा दिन में दो बार खाना खाने से पहले शहद मिला कर लें। इस काढ़े के सेवन से सभी प्रकार के बुखार में फायदा होता है ।


benefits of giloy in hindi




गिलोय की बेल (giloy ki bel) जिस पेड़ पर चढ़ती है, उस पेड़ के गुण अपने अंदर समा लेती है। नीम पर चढ़ी गिलोय की बेल सबसे उत्तम मानी जाती है । इसका वैज्ञानिक नाम tinospora cordifolia  ( Willd.) है ।




गिलोय के फायदे (benefits of giloy in hindi):




गिलोय त्रिदोष शामक है, ये कफ और पित्त का शमन करता है। अमाशय की अम्लता इससे कम होती है । ये हृदय को बल देने वाली है, कमजोरी, मधुमेह, त्वचा तथा कई प्रकार के ज्वर मे उत्तम कार्य करती है, शरीर के जिस भाग मे भी जीवाणु शांत अवस्था मे पड़े हो वहाँ पहुँच कर उसका नाश करती है । 




गिलोय का उपयोग शरीर मे इंसुलिन की उत्पत्ति व रक्त मे इसकी घुलनशीलता को बढ़ाती है । इससे सुगर कम होती है । Giloy टी. बी. रोग उत्तपन करने वाले बैक्टेरिया की वृद्धि को सफलता पूर्वक रोकता है । गिलोय ई कोलाइ नामक बैक्टेरिया को जो आंत व पूरे शरीर को प्रभावित करता है को समूल नष्ट कर देता है।
 



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गिलोय की बेल के फायदे (giloy ki bel ke fayde in hindi):






गिलोय की बेल खेतो की मेड़ो पर, पेड़ों व चट्टानों आदि पर कुंडला कार रूप मे चडी हुई मिलती है । ये आम व नीम के पेड़ पर अक्सर पाई जाती है । गिलोय का तना मोटा तथा बाहारी छाल हल्के भूरे रंग की पतली कागज जैसी होती है, देखने मे रस्सी जैसा लगता है । इसकी की जड़े निकल कर हवा मे झूलती रहती है, जो जमीन मे घुस कर नए पौधे को जन्म देती है ।




इसके पत्ते पान के आकार के होते है । इसके फूल गर्मी के दिनों मे पीले रंग के गुछो मे होते है । गिलोय के फल भी गुछो मे होते है व पककर लाल रंग के हो जाते है ।




गिलोय(अमृता)के औषधीय  फायदे (giloy ke fayde):




गिलोय कैसे खाएं ( how to eat giloy in hindi)



1. ज्वर (बुखार) में गिलोय के फायदे ( benefits of giloy in hindi):





1.1. एक हफ्ते से अधिक चलने वाले ज्वर मे 40 - 45 ग्राम नीम गिलोय को कुचल कर 250 ग्राम पानी मे मिला कर  किसी मिट्टी के बर्तन मे रात भर ढक कर रखते है । सुबह इसे मसल कर व छान कर इसकी 20-25 ग्राम मात्रा दिन मे तीन बार पीने से ज्वर का नाश होता है ।





1.2. गिलोय के सवरस की 20 ग्राम मात्रा मे 1 ग्राम पिपली व 1 चम्मच शहद मिला कर प्रातः एवं शाम को सेवन करने से ज्वर, कफ, अरुचि आदि रोग नष्ट होते है।




गिलोय का चूर्ण, गिलोय के पत्ते, giloy ka swaras
          


2उल्टी या वमन में गिलोय के स्वरस ( giloy ke juice ke fayde ):





वमन को शांत करने के लिए गिलोय स्वरस की 10-15 ग्राम मे 5 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह- शाम देनी चाहिए ।




3. हीचकी में गिलोय का उपयोग कैसे करें (giloy ka upyog kaise kare):





गिलोय के चूर्ण एवं सोंठ के चूर्ण का हिम बना कर इसे दूध मे मिला कर उपयोग से हिचकी बंद हो जाएगी ।


4.सर्दी खांसी में गिलोय के फायदे (benefit of giloy in hindi) :





गिलोय व अण्डुसा छाल की बराबर मात्रा, आधा ली. पानी मे पकाय जब चौथा हिस्सा बाकी रह जाए तो ठंडा करके शहद मिला कर पीने से सर्दी, बुखार खांसी शांत होती है।



5.आंखों के रोग में गिलोय के फायदे (giloy ke fayde):





5.1. गिलोय के रस मे त्रिफला मिला कर इसका क्वाथ बनाए इसमे पीपल का चूर्ण व शहद मिलाकर सेवन करने से नेत्रो की ज्योति बढ़ती है।




5.2. गिलोय 12 ग्राम स्वारस मे 1-1 ग्राम सेंधा नमक व शहद मिला कर नेत्र अंजन करने से कांच, शुक्ल आदि विभिन नेत्र रोग ठीक होते है।





6.कान के रोग में गिलोय के फायदे (giloy benefits in hindi):





गिलोय को घिस कर पानी मे मिलाकर कान मे दो-दो बूंदे डालने पर कान का मेल निकाल जाता है।



7. लीवर का रोग तथा मंदाग्नि गिलोय के फायदे (benefits of giloy in hindi):





गिलोय जो तजी लकड़ी की 20 ग्राम मात्रा मे 2 ग्राम अजमोद, 2 नाग छोटी पीपल, नीम की सीके 2 नग, इन सब को कुचल कर रात को 250 ग्राम पानी मे मिला कर  मिट्टी के बर्तन मे रख दे, सुबह पीस कर छान कर पिला दे । 20 से 30 दिन सेवन करने से सभी पेट रोग ठीक होते है।




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8. प्रमेह में फायदा करता है गिलोय (benefits of giloy in hindi):




गिलोय की10-20 ग्रम् स्वारस की मात्रा मे 3 चम्मच शहद मिला कर  2-3 बार पीने से प्रमेह नष्ट होता है । गिलोय  चित्रक क्वाथ की 20-30 ग्राम मात्रा पिलाने से सरपि प्रमेह मिटता है ।




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9. मूत्र मे जलन में गिलोय के सत के फायदे (giloy ke sat ke fayde): 





गिलोय के स्वारस मे पशाड़ भेद का 2ग्राम चूर्ण व शहद मिला कर तीन चार बार चाटने से मूत्र की जलन शांत होती है ।


10. गठिया में गिलोय के लाभ (giloy ke labh):





गिलोय के चूर्ण की 2-5 ग्राम मात्रा की फंकी दूध से लेने से मात्र 2-3 बार लेने से गठिया ठीक होता है ।




11. कामला रोग में गिलोय के उपयोग (benefits of giloy in hindi):





11.1 . इसके 10-20 पत्तो को पीस कर एक गिलास छाछ मे मिलाकर उपयोग करने से कामला रोग मिटता है ।



11.2. गिलोय के क्वाथ की 20-30 ग्राम मात्रा मे 2 चम्मच शहद मिला कर  दिन मे 3-4 बार पीने से कामला रोग मिटता है।


12. बवासीर में गिलोय के फायदे (giloy ke fayde):





इसकी धनिया हरड़ की संभाग 20 ग्राम मात्रा को आधा किलो पानी मे पकाए जब चौथा भाग रह जाए तो इसमे गुड़ डाल कर सुबह शाम उपयोग करने से बवासीर नष्ट होता है।


 विशेष: 




गिलोय की 10-20 ग्राम मात्रा मिश्री के साथ सेवन करने से पित्त की परेशानी नही होती। शहद के साथ गिलोय का उपयोग करने से कफ का नाश होता है। सौंठ के साथ सेवन करने से आमवात मिटता है ।




गिलोय का उपयोग रोग के अनुसार उचित अनुपात मे सात दिनों तक करना चाहिए । इस लेख में गिलोय के फायदे (benefits of giloy in hindi) एवम् उपयोग का वर्णन किया गया है । आशा करता हूं आपको पसंद आया होगा ।

धन्यवाद।
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