करेले का शुगर में प्रयोग एवं अन्य नुस्खे

करेले का शुगर में प्रयोग - benefit of karela in hindi


शुगर की बीमारी के इलाज में करेले के प्रयोग होते हैं । मधुमेह (sugar) के रोगी करेले का रस - karele ka juice व तरकारी का प्रयोग करते है ।

करेला बहुत ही गुणकारी होता है । यह कड़वा, तिक्त, शीतल, वातकारक व पित्तकारक होता है । करेला खाने से मधुमेह (sugar), कफ, श्वास, खाँसी, व ज्वर व चर्म रोगों में फायदा होता है ।

करेला cucurbitceae family का पौधा है, इसका वैज्ञानिक नामMomor -charantia L. है । अंग्रेजी में इसे bitter gourd, गुजराती में करेलो, मराठी में कारलें, पंजाबी मे क्रेल्ला, बंगाली मेंं उछे करेला व अरबी मेें उलहीमार कहते हैैं ।



करेले के पत्ते गोलाकार व गहरे कटे किनारों वाले होते हैं । फूल चंमकिले पीले रंग के होते हैं । सामान्यतः सभी प्रान्तों में इसकी खेती होती है । फल का रंग हरा होता है, पकने के बाद पीले रंग का हो जाता है । इसमे केरोटीन, बीटा केरोटीन, आयरन, जिंक, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस आदि मिनेरल एवं विटामिन्स, गुकोसाइड, सेपनिन आदि छार होते हैं ।


Karela
करेला

करेला व करेले के जूस के फायदे (Benefit of karela juice in hidi):

  • करेले से शुगर का इलाज किया जाता है ।
  • यह कफ, श्वास रोग, खाँसी को ठीक करता है ।
  • करेला ज्वर को कम करने के काम आता है ।
  • करेला आसानी से पच जाता है व पेट साफ करता है ।
  • इसका सब्जी व अचार के रूप मे प्रयोग किया जाता है ।
  • यह त्वचा रोग मे फायदेमंद है।
  • यह शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालता है ।
  • पीलिया के रोगी के लिए फायदेमंद होता है ।


करेला खाने के फायदे और नुकसान (karele khane ke fayde aur nuksan):


1. करेले का शुगर में फायदे (karele ke fayde)


शुगर के रोग मे करेला बहुत ही फायदे करता है । इसका सेवन करने से, अग्नाशय उत्तेजित होकर इंसुलिन का स्राव करने लगता है, इंसुलिन शरीर में बढ़ जाने के कारण सुगर का लेवल सामान्य हो जाता है, जिससे मरीज अपने आप को स्वस्थ महसूस करने लगता है । करेले का उपयोग निम्न तरह करने से फायदा होता है ।

  • करेले की बेल से फूलों को तोड़ कर  2-4 दिन छाया मे अच्छी तरह से सूखा लें, सूख जाने के बाद इसका बारीक चूर्ण बना ले, इस चूर्ण की  4 से 6 ग्राम तक की मात्रा  को शहद मे मिला कर सेवन करें । इससे मधुमेह के रोगियों को काफी फायदा होगा ।

  • एक टमाटर, 200ग्राम खीरा व एक मीडियम करेला तीनो का जूस निकाल कर सुबह शाम पीने से शुगर मे फायदा मिलता है ।

  • करेले के ताजे फलों लेकर, काट कर उनका रस निकाल लें, फिर इस रस की 10 से 12 ग्राम तक की मात्रा का सुबह शाम सेवन करने से शुगर के रोगी को लाभ होता है । करेले के रस का सेवन कुछ दिनों तक लगातार करते रहना है । करेले का जूस पीने से से रक्त भी शुद्ध होकर फायदा होता है  ।

  • मधुमेह के रोगी को करेले का सेवन सब्जी के रूप मे भी करते रहना चाहिए । एक हफ्ते में कम से कम दो बार तो सेवन कर ही लेना चाहिए ।

  • करेले के चूर्ण की चुटकी भर मात्रा को शहद के साथ सुबह के वक्त सेवन करने से सुगर का लेवल कंट्रोल होता है व रोगी को आराम मिलता है । चूर्ण बनाने के लिए  करेले के सीजन में जरूरत के अनुसार ताजे हरे करेले लेकर इसके चिप्स बनाकर दूप मे अच्छी तरह से सूखा ले फिर इसे बारीक पीस कर एयरटाइट डिब्बे मे रख दे व इसका सेवन करते रहें ।

  • करेले के रस ( karele ke juce) का आधा कप मे, आधा नीबू का रस व आधा चम्मच राई तथा स्वादानुसार नमक मिलाकर ऊपर से चौथाई कप पानी मिलाकर मधुमेह के रोगी को सुबह शाम देने से रोगी को लाभ होता है । करेले का जूस बनाने के लिए ताजे हरे करेले लेकर उसके बीज निकाल लें । फिर करेले के टुकड़े कर ग्राइंडर में पीस ले और उसमे थोड़ा पानी मिला कर मोटी चन्नी से छान ले ताकि इसका रेशा भी आ जाये । इस जूस मे स्वादानुसार नमक, नींबू, कालीमिर्च मिलाया जा सकता है ।

    2. पथरी के इलाज मे करेला खाने के फायदे ( karela khane ke fayde)


    करेले के पत्तो के रस का सेवन करने से पथरी निकल जाती है । इसके लिए  इसके हरे पत्ते लेकर इसका 30 ग्राम रस निकाल कर उसमे 15 ग्राम दही मिला कर रोगी को पिला दे, फिर ऊपर से आधा कप छाछ पिला दे । ये दवा तीन दिन तक पिलाये, फिर तीन दिन तक दवा बंद करदें, उसके बाद चार दिन पिला कर दवा फिर तीन दिन बंद करके पाँच दी तक पिलाइये । खाने मे मरीज को चावल अथवा खिचड़ी, व हल्का भोजन दे, इससे रोगी को लाभ होगा ।

    3. पाचन में करेला खाने के फायदे (karela khane ke fayde) 


    करेले की सब्जी बना कर खाने से पाचनतंत्र अच्छा होता है । ये हल्का व एंटीऑक्सीडेंट होता है, जिससे शरीर मे ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है व पाचन क्रिया तीव्र हो जाती है । और ये खाने को जल्दी पचाकर पेट को साफ करता है, जिससे पाचन शक्ति बढ़ जाती है । इस लिए सब्जी के रूप में इसका प्रयोग सभी को करना चाहिए ।

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    4. करेले के त्वचा रोग मे फायदे (Benefit of karela in hindi)


    • इससे त्वचा रोग मे लाभ मिलता है । करेले खाने  से रक्त साफ होता है और पाचनक्रिया ठीक होती है, पेट साफ रहने लगता है जिस कारण चहरे पर मुहासे आदि नही निकलते त्वचा साफ बनी रहती है । करेले के पत्तो का लेप चेहरे पर लगाने से दाग धब्बे मिट जाते हैं ।

    • इसके पांचों अंग यानि तना, पत्ती फूल, फल व जड़ में पीपल, दालचीनी, चावल को मिक्स करके इसमे जंगली बादाम का तेल मिलाकर त्वचा पर लगाने से खुजली आदि त्वचा रोग ठीक होते हैं ।

      5. जोड़ो के दर्द व गठिया में काम आता है करेला 


      • जोड़ो के दर्द में उपयोगी होता है करेला जोड़ो के दर्द का नुख्सा बनाने के लिए इसके ऊपरी भाग को छील कर आग पर भून कर इसका भुर्ता बना ले फिर इस भुरते मे शक्कर मिला कर गर्म गर्म ही रोगी को इसकी 100 ग्राम मात्रा खिलाएं । रोगी को फायदा होगा।

      • कच्चे हरे करेले का रस निकाल कर गर्म करके दर्द वाले स्थान पर लेप करने से गठिया रोग ठीक होता है ।



        करेला खाने के फायदे व करेले के उपयोग के बारे मे ऊपर वर्णन किया है । इसके अलावा करेला बहुत से रोगों मे प्रयोग किया जाता है । जैसे वात रोग  गले की सूजन, अर्श, आँत के कीड़े, पीलिया, कान मे दर्द, आदि । करेले का स्वाद कड़वा होने के कारण लोग इसे कम पसंद करते है । लेकिन इसके गुण व पोष्टिकता के कारण लोग इसे पसंद करने लगे हैं । करेला छोटे और बड़े साइज का होता है, बड़े साइज की जगह छोटे साइज का करेला ज्यादा उत्तम होता है ।

        करेले के नुकसान (Karele ke nuksan)


        करेले के नुकसान भी होते हैं । इसका अधिक मात्रा मे सेवन करने से ये खुश्की करता है । इस लिए करेले का प्रयोग अत्यधिक ना करे । इसके अत्यधिक प्रयोग से कोई साइड इफेक्ट हो तो चावल मे घी मिला कर खाना चाहिए ।

        • कभी कभी करेले  के अनियमित प्रयोग से हृदेय की धड़कन असमान्य हो सकती है ।

        • जब हृदय की धड़कन अनियमित हो जाती है, तो यह हृदय के को जाने वाला रक्त  जमने लगता है। इसके परिणामस्वरूप प्लेटलेट्स पूल में थक्के बन सकते हैं, जिससे हार्ट स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ सकता है।

        • अपने बच्चों के लिए कड़वे करेला खिलाने से पहले एक बार फिर से विचार करना होगा । यदि आपके बच्चे को करेले से एलर्जी है, तो उन्हें सब्जी देने से बचना बेहतर है।

        • हाइपोग्लाइकेमिक कोमा एक कोमा की एक स्थिति है जो इंसुलिन के इंजेक्शन की अत्यधिक खुराक के कारण होती है। ऐसी स्थति में करेला खाने से रक्त शर्करा के स्तर में अत्यधिक गिरावट हो सकती है ।