Anar |
अनार के फायदे व अनार के रस के उपयोग (benefit of anar)
अनार से सभी लोग परिचित है अनार के फायदे (Anar ke Fayde) व अनार के उपयो (Anar Ke Upyog ) ढेर सारे है । भारत मे अनार सभी जगह पाया जाता है । स्वाद के अनुसार देसी अनार खट्टे व मीठे होते हैं । काबुल व कंधार के Kandhari Anar काफी मीठे होते हैं । अनार का फल व अनार के जूस, अनार के पत्ते (anar ke patte) के अलावा इसका पूरा पेड़ (Anar ka Ped) औषधिय गुणों का खजाना है ।
फल के अलावा अनार की कली व अनार के छिलके में अधिक गुण पाये जाते हैं । अनार के फल में टेनिक एसिड पाया जाता है जो की लगभग 28 % होता है । इसमे pletiyesheen रंगहीन द्रव के रूप मे होता है ।
अनार का वैज्ञनिक नाम Punica granatum L. है । इंग्लिश में इसे Pomegranate कहते हैं । इसे राज्यवार निम्न नामों से जाना जाता है ।गुजराती-दाड़म, मराठी-ड़ालिंब, बंगाली -दलिम, तमिल-मदुलाई, अरबी- रुमान।
फल के अलावा अनार की कली व अनार के छिलके में अधिक गुण पाये जाते हैं । अनार के फल में टेनिक एसिड पाया जाता है जो की लगभग 28 % होता है । इसमे pletiyesheen रंगहीन द्रव के रूप मे होता है ।
अनार का वैज्ञनिक नाम Punica granatum L. है । इंग्लिश में इसे Pomegranate कहते हैं । इसे राज्यवार निम्न नामों से जाना जाता है ।गुजराती-दाड़म, मराठी-ड़ालिंब, बंगाली -दलिम, तमिल-मदुलाई, अरबी- रुमान।
अनार के गुण व फायदे(Anar ke gun v Anar ke fayde):
इसके अनेक गुण फायदे (Anar ke Fayde) होते हैं । यह त्रिदोष नाशक, पाचन, थोड़ा कसैला, तृष्णा, ज्वर, हृदय रोग, गले के रोग व मुह के रोग में फायदा करता है । नाक के रोग, आँख के रोग, दाँत के रोग व हैजे के रोग मे भी फायदा करता है ।
1. नाक के रोग मे अनार के फायदे (Anar ke Fayde) :
- अनार की कली जो तुरंत निकली हुई हो, को निचोड़ कर नाक में 2 बूंद टपकाने से या इसे सूंघ लेने से नाक से खून आना बंद हो जाता है । नकसीर को बंद करने की यह एक अच्छा नुस्का है ।
- अनार का छिलका लेकर इसको डूबे हुए छुआरे के पानी के साथ पीस कर नाक पर लेप करने से नाक की सूजन में फायदा मिलता है ।
Anar evam anar ka ras |
2. गले के रोग मे अनार के फायदे (Anar ke Fayde):
- आवाज मे भारीपन, खाँसी, नजला हो तो एक किलो अनार के पत्ते का गाड़ा रस निकाल कर इसमे थोड़ी मात्रा मे मिश्री मिला लें , इसकी 15 से 20 ग्राम की मात्रा दिन मे तीन बार चाटने से फायदा होता है ।
- Anar ke patte को छाया मे सुखाकर इसका चूर्ण बनालें, इस चूर्ण को गुड़ या शहद के साथ मिला कर गोली बना ले, इन गोली को छाया मे सूखा कर चसने से भी गले के रोग मे फायदा होता है ।
3.आंखों के रोग मे उपयोग
(Anar ke Upyog):
- अनार के पत्ते (Anar ke patte) का रस निकालकर इसको खरल मे बारीक पीस कर कपड़े से छान कर रख दे, सुबह शाम सिलाई से आंखों में लगा ले इससे आंखों की खुजली व आंखों से पानी आना बंद हो जाता है ।
- अनार के पत्ते (anar ke patte) लगभग 5 से 6 को पानी मे पीस कर दो बार लेप करने से दुखती आंखों को आराम मिलता है, पत्तो को पानी मे भिगोकर इसकी पोटली बनाकर आंखों पर लगाने से फायदा होता है ।
4.दांत दर्द में अनार के घरेलू नुस्खे (Anar ke Gharelu Nuskhe):
- मीठे अनार के पेड़ के छाया मे सुखाये पत्तों का चूर्ण बनाकर दांतो में मंजन करने से दांतों की सूजन, दांत का हिलना व दांतों मे खून आना आदि रोग में फायदा मिलता है ।
- अनार की कली को सूखा कर इसके चूर्ण से मंजन करने से मसूड़ों से पानी आना रुक जाता है । अनार व गुलाब के फूलों को सुखा कर इसके चूर्ण से मंजन करने से भी मसूड़ों मे फायदा होता है ।
Anar ke patte |
5. अनार के पत्ते के फायदे अनिद्रा में (Anar ke patte ke fayde):
अनार के 20 ग्राम ताजे पत्ते को लेकर 400 ग्राम पानी मे उबालें । जब पानी 100 ग्राम शेष रह जाये तो इस क्वाथ को गर्म दूध मे मिलाकर पीने से दिमागी व शारीरिक थकावट दूर हो जाती है । व अनिद्रा मे फायदा होता है ।
6. अनार खाने के फायदे पाचन व बदहजमी में (Anar khane ke fayde):
- पके हुए अनार (anar) के 10 ग्राम रस मे 10 ग्राम भुना जीरा व गुड़ मिला कर सेवन करने से किसी भी प्रकार का पाचन व बदहजमी से फायदा होता है ।
- अनार (anar) सिर्फ खट्टा मीठा हो , इसके रस की 2 तीन ग्राम मात्रा मुह में रखे फिर धीरे धीरे मुह चलाये और पी जाएं, इस प्रक्रिया को लगातार 7-8 बार करने से आंतों मे पाचन होता है व खाने की अरुचि भी दूर हो जाती है ।
- अनार के पत्ते( Anar ke patte) को छाया मे सुखाकर चूर्ण बनाकर , 4 भाग चूर्ण व एक भाग सेंधा नमक दोनो को पीस कर चूर्ण बना ले, इस चूर्ण की 4 से 5 ग्राम मात्रा खाना खाने से पूर्व सुबह शाम जल के साथ सेवन करने से अजीर्ण व पाचन में fayda होता है ।
7. अनार के पत्ते व छिलके से पेट के कीड़े का इलाज ( Anar ke Patte ke fayde):
- अनार के पत्तों को छाया मे सुखाकर बारीक चूर्ण बनाकर छान ले। इसकी 6 ग्राम मात्रा को गये के दूध की छाछ के साथ या ताजे पानी के साथ सेवन करने से पेट के सारे कीड़े मार जाते हैं।
- शहतूत व खट्टा अनार के छिलके की बीस बीस ग्राम मात्रा को 200 मिली पानी मे उबालकर रोगी को पिलाने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं ।
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8. हैजे के रोग मे लाभकारी है अनार (Anar ke Labh):
- अनार के हरे पत्ते 6 ग्राम को बीस ग्राम पानी के साथ पीस कर छान लें, इसमे बीस ग्राम चीनी का शर्बत मिलाकर रोगी को एक एक घंटे बाद पिलाये, इसे तब तक पिलाएं जब तक आराम ना मिल जाये । इससे उल्टी आना भी रुक जाती है ।
- अनार का 10 से 15 ग्राम रस लगातार सेवन करने से भी हैजे मे फायदा मिलता है । अनार थोड़ा खट्टा होना चाहिए ।
9. अर्श के में फायदा करता है अनार (Anar ke Fayde):
- अनार के पत्ते का रस प्रतिदिन 5 से 10 ग्राम सुबह के समय पीने से खूनी अर्श मे लाभ होता है
- अनार की जड़ का क्वाथ बनाकर इसकी 100 ग्राम मात्रा मे सौंठ का चूर्ण 5 ग्राम मिलाकर इसका दिन मे दो तीन बार पीने से खोनी अर्श मे फायदा मिलता है ।
10. हृदय के विकारो को दूर करता है अनार:
- अनार के पत्ते 10 ग्राम को पीस कर 100 ग्राम जल मे मिला कर छान लें । इस रस को रोगी को सुबह शाम पिलाने से दिल की धड़कन मे फायदा होता है ।
- अनार का रस (anar ka juice) लगातार रोज 20 से 25 मिली पीने से भी लाभ मिलता है ।
- छाया मे सुखये अनार के पत्ते 6 ग्राम को बारीक पीस कर ताजे पानी के साथ पीने से भी दिल की धड़कन मे फायदा होता है । इस प्रयोग से दाद, सोराइसिस, कुष्ट आदि रोग में भी फायदा होता है ।
11.अनार के अन्य प्रयोग (Anar ke Prayog):
- मुह पकने पर 10 ग्राम अनार के पत्ते को 400 ग्राम जल मे उबालकर इसका क्वाथ बनाये, जब चौथा हिस्सा शेष रह जाये तो इस पानी से कुल्ला करने से मुह आने मे फायदा होता है, व खुनक रोग ठीक होता है ।
- अनार का जूस (anar ka ras) मे छोटी इलाची के बीज व सौंठ का चूर्ण मिला कर पिलाने से मूत्र का infection ठीक होता है ।
- अनार का गुनगुना रस 10 ग्राम रस मे शक्कर मिला कर पिलाने से वमन (उल्टी) मे लाभ होता है ।
- अनार के पत्ते 20 ग्राम का क्वाथ बनाकर 10 ग्राम गये का घी व 10 ग्राम खांड मिलाकर पिलाने से मिर्गी व उन्मांद मे फायदा मिलता है ।
विशेष:
अनार तासीर का ठंडा होता है, सभी तरह के अनार शीत प्रकृति वालो के लिए हानिकारक होते हैं, इन्हें अनार का सेवन नही करना चाहिए । वैसे अनार बहुत ही गुणकारी होता है ।
अनार के पत्ते (anar ke patte), अनार का छिलका (anar ka chhilka), अनार के बीज (anar ke beej), सभी औषधीय कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं । इससे अनेक रोगों का उपचार किया जा सकता है । अनार के छिलके को मात्र मुह मे रखने भर से ही खाँसी में फायदा हो जाता है । अनार का उपयोग अत्यंत लाभकारी है ।
अनार के पत्ते (anar ke patte), अनार का छिलका (anar ka chhilka), अनार के बीज (anar ke beej), सभी औषधीय कार्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं । इससे अनेक रोगों का उपचार किया जा सकता है । अनार के छिलके को मात्र मुह मे रखने भर से ही खाँसी में फायदा हो जाता है । अनार का उपयोग अत्यंत लाभकारी है ।
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