तुलसी के बुखार, सर्दी, जुकाम, खांसी में प्रयोग एवं फायदे

तुलसी के बुखार, सर्दी, जुकाम, खंसी, में फायदे

तुलसी के बारे में आप जानते है । तुलसी बुखार सर्दी, जुकाम, खाँसी मे फायदे करती है । हमारे यहां तुलसी को पवित्र माना जाता है । तुलसी सर्वरोग निवारक, जीवनीय शक्तिवर्धक होती है ।


इसे वृंदा, वैष्णवी, विष्णु बल्लभा, श्री कृष्ण बल्लभा आदि नामो से जाना जाता है । इस औषधि की देवी की तरह पूजा की जाती है ।

 
हल्दी सब जगह पायी जाती है । ये सुगंधित, सुन्दर  व सस्ती औषधि है । तुलसी की कई जातियां पायी जाती है । जिसमे श्वेत तुलसी व कृष्ण तुलसी प्रमुख हैं । इसके अलावा तुलसी की एक जाती ocimum bacilicum, O. gratissimum  आदि जातियां भी बहुत महत्व पूर्ण हैं ।




तुलसी का पेड़, तुलसी के फायदे
तुलसी का पौधा

तुलसी का पौधा 2 से 4 फिट ऊंचा तथा सुगंध वाला होता है । इसके पत्तों मे पीले हरे रंग का तेल पाया जाता है जो सूखने पर दानेदार हो जाता है इसे कपूर कहते हैं । तुलसी कफ नाशक, दुर्गन्ध नाशक, पाचन, अग्नि दिपन, रक्त शोधक व ज्वर को हरने वाली होती है । इसके बीज मूत्रल व शक्ति देने वाले होते हैं ।


तुलसी की  पत्तियाँ ज्वर एवं विषम ज्वर मे उपयोगी हैं । तुलसी को अलग अलग भाषा में अलग अलग नामों से जाना जाता है । जैसे :- आंग्रजी में इसे holy basil व गुजराती मे तुलस, मराठी मे तुलस, बंगाली में कुरल, पंजाबी में तुलसी, तेलगु मे वृंदा तथा गगेरा नामों से जाना जाता है ।

तुलसी के औषधीय फायदे (Tulsi ke Aushdhiye Fayde in hidi):


1. बुखार में तुलसी का फायदे:( Tulsi ke fayde)


  • मलेरिया के मच्छर जब तुलसी के संपर्क मे आते है तो मच्छरों पर ऐसा प्रभाव पड़ता है की मच्छर दूर भाग जाते हैं । तुलसी का पत्ता मलेरिया प्रतिरोधी होता है ।

  • तुलसी के पत्ते के स्वरस मे पांच से दस मिलीग्राम मिर्च का चूर्ण मिलाकर दिन मे तीन बार पिये इससे मलेरिया दूर होता है ।

  • तुलसी के पत्तो का क्वाथ (काड़ा) तीन तीन घंटे पर सेवन करने से मलेरिया दूर होता है ।

  • आंतो का ज्वर (टाइफाइड) मे तुलसी के 10 पत्ते  व जावित्री की 1 ग्राम मात्रा पीस कर शहद के साथ चाट लेने से  फायदा होता है ।

  • तुलसी के पत्ते, छोटी पीपल, सफ़ेद जीरा, तथा शक्कर को कूट कर सुबह शाम देने से साधारण बुखार ठीक होता है ।

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2. सर्दी खांसी जुकाम में तुलसी के फायदे (Tulsi ke fayde):


  • खांसी के लिए तुलसी के पत्र का सवरस 5 से 10 मिली ग्राम मे कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर देना चाहिए इससे खांसी कम होती है ।

  • तुलसी के पत्ते मंजरी सहित 50 ग्राम मे काली मिर्च 10 ग्राम, अदरक 25 ग्राम को आधा ली. पानी मे उबाल कर क्वाथ बना ले, चौथाई बाकी रह जाने पर छोटी इलाइची के बीजो का चूर्ण व 200ग्राम चीनी मिलाकर  पकाले, एक तार की चासनी बन जाए तो छान कर रख ले । इस चासनी  की 1 से 1.5 चम्मच की मात्रा बच्चों को व 2 से 4 चम्मच की मात्रा बड़ों को देने से खाँसी, श्वास, कुकुर खाँसी, काली खाँसी, में तुलसी फायदा करती है ।

  • तुलसी की मंजरी प्याज का रस, सौंठ और शहद मिला कर चाटने से बच्चे के दमे मे व सुखी खांसी मे फायदा होता है।

  • श्यामा तुलसी के पत्तो के 5 से 10 ग्राम रस में दुगनी मात्रा में गाये का घी गुनगना करके मिला कर चाटने से दो तीन दिन मे न्यूमोनिया मे लाभ मिलता है ।

3. रोगप्रतिरोधक छमता बढाती है तुलसी:


तुलसी के बीजो का 20 ग्राम चूर्ण में 20 ग्राम मिश्री मिला कर पीस लें, सर्दी के दिनों मे इसकी 1 ग्राम की मात्रा  कुछ दिन सेवन करने से दुर्बलता दूर हो जाती है । रोगप्रतिरोधक छमता बढ़ जाती है व स्नायु मंडल मजबूत होता है।

4. त्वचा मे तुलसी के फायदे (Tulsi ke Fayde in hindi):


  • तुलसी मे एंटीबैक्टेरियल गुण पाये जाते हैं, इस लिए इसका प्रयोग त्वचा रोगों मे किया जाता है । तुलसी की पत्ती खाने से त्वचा मे निखार आता है, व त्वचा glow करने लगती है ।

  • तुलसी के पत्ते को त्वचा पर रगड़ने से दाग धब्बे दूर हो जाते है, तुलसी मे बेसन मिला कर त्वचा पर रगड़ने से त्वचा के काले धब्बे भी दूर हो जाते है ।

  • सर्दी के मौसम मे त्वचा फट गई हो तो तुलसी के पत्तो को सरसों के तेल मे उबालते है, तब तक उबाले जब तक तेल काला ना हो जाये । इसको ठंडा करके त्वचा पर लगाये, लाभ होगा ।


5. सिर के रोगों में तुलसी के उपयोग: (Tulsi ke Upyog ) 


  • तुलसी के तेल को सिर पर लगाने से सिर की जुंए व लीखें मर जाती हैं ।

  • तुलसी के कम से कम पांच पत्ते पानी के साथ निगलने से बुद्धि व दिमाग की शक्ति बढ़ती है । इसकी, छाया मे सूखी हुई मंजरी की एक दो ग्राम मात्रा शहद के साथ मिला कर चाटने से फायदा होता है ।

  • तुलसी के तेल को नाक मे 2 बूंद टपकाने से सिर  का दर्द व सिर के अन्य रोग ठीक हो जाते हैं ।

6. नामर्दी मे उपयोगी है तुलसी: (Tulsi ke Upyog):


  • धातु दुर्बलता मे 1 ग्राम तुलसी का बीज दूध के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है ।

  • तुलसी के बीज के चूर्ण की 1 से 2 ग्राम की मात्रा मे बराबर मात्रा मे गुड़ मिला कर गाये के दूध के के साथ लगातार लेने से 5 से 6 महीने मे यह रोग ठीक हो जाता है ।

7. दस्त व अतिसार में तुलसी के फायदे : ( Tulsi ke fayde):


तुलसी के पत्तों  के 10 नग तथा एक ग्राम जीरा दोनो को मिलाकर पीस ले फिर इसमे शहद मिला लेवें, इसे दिन मे 3-4 बार चाटने से पेचिस व मरोड़ मे लाभ मिलता है ।

तुलसी के बीज के कुछ विशेष फायदे

1. त्वचा रोग में तुलसी के बीज के उपयोग( tulsi ke beej ke fayde)


तुलसी के बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इससे त्वचा का स्वास्थ्य रहती है और नयी कोशिकाएं क्रियाशील होती हैं। तुलसी के बीज में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स के असर को कम करते हैं, इसकी वजह से आपकी त्वचा पर झुर्रियां, बढ़ती उम्र की वजह से होने वाले दाग-धब्बे पड़ना शुरू हो जाती हैं। 

तुलसी के बीज को प्रतिदिन प्रयोग करने से त्वचा पर दाग-धब्बे, साथ ही निशान और अन्य समस्याएं कम होना लगती हैं।

2. तुलसी के बीज में बालों के फायदे (benefit of tulsi for hair loss)


तुलसी के बीज में उपस्थित आयरन और दूसरे एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन K, बालों की वृद्धि  करते हैं और उम्र से पहले झड़ते बालों को रोकते हैं । आयरन सिर की त्वचा में रक्त परिसंचरण और बालों को मजबूत करने के लिए आवश्यक होता है ।



3. तुलसी के बीज का वजन कम करने में उपयोग ( benefit of tulsi for weight loss)


तुलसी के बीज में काफी अधिक मात्रा में फाइबर होता है, जिससे मल त्याग करने की समस्या से बचा जा सकता है । तुलसी के बीज से आपका पेट भरा हुआ रहता है और फिर आप अधिक भूख नहीं लगती हैं। इसके अतिरिक्त जब बीज पच जाते हैं, तो यह अपने आकार से 20 गुना अधिक बढ़ जाते हैं। इस तरह आपका पेट भरा हुआ रहता है और भूख भी नहीं लगती। इसकी सहायता से आप कैलोरी वाले भोजन से भी दूर रहते हैं और इससे वजन भी नियंत्रित रहता है।


4. तुलसी के बीज के कलेस्ट्रोल कम करने में फायदे ( uses of tulsi in colestrol)


एक रिसर्च के अनुसार तुलसी के बीज खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं, इसका अर्थ यह है कि इससे धमनियों व रक्त वाहिकाओं में जमने वाला मैल या अशुद्धियाँ साफ होने लगती है । इससे ह्रदय पर दबाव भी कम होता है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक की संभावनाएं भी बहुत कम हो जाती है।


5. तुलसी के बीज के ब्लड प्रेशर में उपयोग( uses of tulsi seeds in blood pressure)


ज्ञात हुआ है कि तुलसी के बीज में पोटेशियम होता है जो ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में सहायक होता है।पोटेशियम एक वाहिकाविस्फारक (vasodilator) है, इसका अर्थ यह है कि धमनियों और रक्त वाहिकाओं में  प्रेशर को कम करने में सहायता करता है ।

6. तुलसी के बीज के टेंशन में फायदे (benefit of tulsi )

यदि आप को यह महसूस होता है कि आपके टेंशन का स्तर बढ़ रहा है तो एक ग्लास पानी में तुलसी के बीज को भिगो कर रखे  फिर इस पी जाएं। इससे आपको तनाव की समस्या से छुटकारा मिलेगा। प्रतिदिन तुलसी के बीज का सेवन करने से डिप्रेशन कम होता है और मन ठीक होता है ।

7. तुलसी के बीज के आंखों में उपयोग ( tulsi ke beej ke upyog)


तुलसी के बीज में विटामिन k होता है, इन बीजों का सेवन  उन लोगों को करना चाहिए, जिनकी आंखों की रोशनी कम होती है, तुलसी के बीज में विटामिन ए होता है, विटामिन ए रेटिना में एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह कार्य करता है और आंखो मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकता है।

8. तुलसी के बीज के दर्द में फायदे (Tulsi ke beej ke fayde)


जब गठिया, सिर दर्द, और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (irritable bowel syndrome) जैसी बीमारियों की समस्या हो तो, तुलसी के बीज विशेष तौर से फायदेमंद होते हैं। यह इन परेशानियों को कम कर देते हैं और दर्द से आराम दिलाते हैं।

9. तुलसी के बीज के हड्डियों में फायदे (Tulsi ke beej ke fayde)


तुलसी के बीज में खनिज काफी मात्रा में होते हैं जैसे आयरन, पोटैशियम, कॉपर, कैल्शियम, मैगनीस और मैग्नीशियम आदि । इन बीजों को प्रतिदिन खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं । इससे बढ़ते ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है । इस तरह आप जवान और तंदुरुस्त महसूस करने लगते हैं ।

10. तुलसी के बीज का ब्लड शुगर में फायदे ( Tusli ke beej ke blood sugar men fayde)

 

कुछ शोध के अंदर तुलसी के बीज में उपस्थित फाइबर, ब्लड के स्तर को नियंत्रित करता है। जो लोग टाइप टू डायबिटीज से पीड़ित होते हैं, उनके लिए यह बीज बहुत ही फायदेमंद हैं। तुलसी के बीज इन्सुलिन और ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करते हैं । सुबह -सुबह एक ग्लास पानी में तुलसी के बीज मिलाकर पीने से इन्सुलिन में वृद्धि होती है।

तुलसी के कुछ खास प्रयोग (tulsi ke prayog) 


  • छोटे बच्चों को सर्दी जुकाम होने पर तुलसी व अदरक का रस की 5 से 7 बूंद शहद मे मिला कर चटाने से बच्चों  सर्दी, जुकाम, खाँसी, कफ ठीक हो जाता है । अगर बच्चे नवजात हों उन्हें ये बहुत अल्प मात्रा मे दें । सर्दियो  मे अक्सर लोग सर्दी, जुकाम, खांसी से परेशान रहते हैं, इसकी रोकथाम के लिए तुलसी बहुत उपयोगी है ।

  • इस के इलाज के लिए परमपूज्य स्वामी रामदेव जी द्वारा स्वानुभूत किया नुस्खा बताने जा रहे हैं  ।

  • इसके लिए आप तुलसी के 7 पत्ते व 5 लोंग लेकर पानी मे पकाये, तुलसी के पत्ते व लोंग को पानी मे डालने से पूर्व इनके छोटे टुकड़े कर ले, पानी पक कर आधा शेष रह जाए तब इसमे थोड़ा सा सेंधा नामक डाल कर गर्म गर्म पी जाये । यह काड़ा पीकर वस्त्र औड कर लेट जाये पसीना आने दें । इससे ज्वर तुरंत उतर जाता है तथा खाँसी जुकाम भी ठीक हो जाता है । इस काड़े को दिन मे दो बार, दो से तीन दिन तक लेना चहिये । तुलसी का उपयोग सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार में बहुत फायदेमंद है ।


तुलसी के बीज के नुकसान (Tulsi ke beej ke nuksan) 


१. तुलसी के बीज के अनेक फायदे तो होते ही हैं लेकिन इसके उपयोग करने से कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे हॉर्मोन का अनियंत्रित होना, कुछ निगलने में समस्या होना आदि। इससे अनेक तरह के नुकसान होते हैं ।

2. तुलसी के बीज के सेवन से शरीर में हॉर्मोन के स्तर पर असर पड़ता है, जैसे एस्ट्रोजन हार्मोन । यह गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसान दायक हो सकता है। यह पीरियड्स को अनियंत्रित कर सकता है जिससे आगे जाकर बच्चे के जन्म में परेशानी हो सकती है।

३. थायराइड के असंतुलन या अन्य हॉर्मोनल डिसबैलेंस से पीड़ित हैं वो डॉक्टर की सलाह लिए बगैर इन बीजों का उपयोग न करें ।

४. पानी और बीज की मात्रा संतुलित न होने से, या मिश्रण गाढ़ा होने से बीजों को निगलने में समस्या हो सकती है। इस लिए, तुलसी के बीजों का सेवन करने के लिये बूढ़े या छोटे बच्चे को मना किया जाता है ।


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