बदलते मौसम में स्वास्थ्य में प्रभाव | badalte mausm me swasthy

बदलते मौसम में स्वास्थ्य पर प्रभाव

मौसम में बदलाव होने पर हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बदलती रहती है जिसकी वजह से एलर्जिक और वायरल संक्रमण होने का खतरा अधिक हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे समय में हमें अपनी दिनचर्या में भी बदलाव करना चाहिए जिससे हमारी सेहत ठीक रहे।


सुबह और शाम मौसम का ठंडा रहना और दिनभर गर्मी के कारण बुुखार, जुकाम, खांसी और अनेक प्रकार के वायरल का खतरा बढ़ जाता है।

बदलता मौसम और स्वास्थ्य
स्वास्थ्य

बदलते मौसम में कैसे रखें सेहत का ख्याल


१. दिन में हल्की गर्मी और रात में हल्की ठंडक हो रही हो तो  ऐसे में आपको स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक रहने की आवश्यकता है क्योंकि छोटी सी लापरवाही सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है और आप बीमारी की चपेट में आ सकते हैं । तापमान में तेजी से उतार चढ़ाव के कारण शरीर अपने आप को उसके अनुसार मिक्स नहीं कर पाता जिससे अक्सर लोग बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।

 
२. बदलते मौसम के कारण रोगप्रतिरोधक छमता कमजोर हो जाती है। ऐसे में सर्दी, जुकाम और बुखार आदि की समस्या अक्सर हो जाती है। ऐसे मौसम में खानपान तथा रहन-सहन के स्तर में विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। शाम के समय भरपूर कपड़े पहन कर ही बाहर जाना चाहिए। बड़ों के साथ बच्चे भी वायरल बुखार की चपेट में अक्सर आ जाते हैं इसलिए ऐसे मौसम में बच्चों तथा बुजुर्गो को ज्यादा सावधानी से रहने की आवश्यकता होती है। कभी ठंडा और कभी गर्म मौसम के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार, गले मे दर्द, थकान जैसी बीमारियां लोगों को परेशान करती हैं। बच्चे इनकी चपेट में जल्दी आ जाते हैं। बीमारियों से बचने के लिए बच्चों के खानपान व साफ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए ।

ध्यान देने योग्य बातें


  • बदलते मौसम के कारण संक्रमण का खतरा  ज्यादा होता है। ऐसे में सूती और पर्याप्त वस्त्र धारण करना चाहिए।

  • खाने पीने का ऐसे मौसम में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए, इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।  और रोगी का खतरा नहीं रहता है ।

  • इस तरह के मौसम में सीजनल फलों एवँ सब्जियों का खाने में  उपयोग करना चाहिए । विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, नींबू  का ज्यादा सेवन करना चाहिए क्योंकि ये शरीर की रोगी से लड़ने की क्षमता बढ़ातें हैं ।


  • अनेक बार  ठंडी वस्तुओं का सेवन भी वायरल संक्रमण का कारण बन जाता है। गला  भी खराब हो जाता है इसलिये आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक आदि नहीं खाना चाहिए।


  • इस मौसम में बाजार की खाने वाली वस्तुएं, डिब्बा बंद वस्तुएं जैसे पिज्जा बर्गर, जूस आदि का सेवन नहीं करना चाहिए ।


  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।


  • पौष्टिक भोजन का सेवन करना चाहिए।


  • साफ सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।


  • सुबह की के समय सैर के साथ व्यायाम भी करना होता है।

बदलते मौसम में सावधानियां


१. मौसम बदलते समय खांसी एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा अधिक हो जाता है। ऐसे रोगी को रोज भाप लेने के साथ गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे करना चाहिए। यदि इस मौसम में कोई शारीरिक समस्या होती है तो अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें। अपने आप दवाइयों का सेवन ना करें।


२. लिक्विड आहार जैसे छाछ, नींबू पानी, फलों व सब्जियों का रस पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। इससे शरीर में उपस्थित विषैले तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं। पौष्टिक आहार का सेवन करें । बाहर के खाने से दूरी बनाकर रखें । अधिक देर तक खाली पेट न रहें इससे आपकी रोग प्रतिरोधक छमता पर असर पड़ता है जिससे बीमारियों का कहता रहता है ।


३. जो लोग पहले से  ही बीमार हैं और दवाएं ले रहे हैं, अपना ध्यान रखें। डायबिटीज के रोगी, छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं का बदलते मौसम में खास खयाल रखें। बहुत अधिक ठंडा पानी न पिएं इससे गले की समस्या हो सकती है। पंखे और एसी का सावधानी से प्रयोग करें।


पुराने रोगी ध्यान दें


बदलते मौसम में डायबिटीज व सांस के रोगियों को सबसे ज्यादा समस्या होती है। इस दौरान डायबिटीज के रोगियों को कमजोरी, खांसी, गले में दर्द जैसी समस्याएं होने की संभावना रहती हैं तथा सांस के रोगियों को सांस फूलने, छींक आने और सांस ठीक से लेने में समस्या हो सकती है। इसलिए इस तरह के लोगों को मौसम के फल खाने चाहिए और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए ।

धन्यवाद।

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