अश्वगंधा के फायदे एवम् उपयोग (Uses of ashwagandha in Hindi)

अश्वगंधा के फायदे - aswagandha ke fayde hindi mein 

अश्वगंधा को असगंध के नाम से भी जाना जाता है । अश्वगंधा के फायदे एवम् उपयोग  के  बारे में  बहुत कम लोग जानते  हैं के चूर्ण का सेवन करने से दुर्बलता दूर होती है व वृद्ध व्यक्ति भी जवान हो जाता है ।अश्वगंधा इंग्लिश में winter cherry के नाम से जाना जाता है, हमारे देश में  इसे असगंध, आसंध, घोड़ा आकुन, डॉर्गुंज, पेनेरू के नाम से जानते हैं । 

अश्वगंधा पूरे भारतवर्ष में शुष्क प्रदेशो में पाई जाती है । अश्वगंधा से अनेक रोगों का उपचार किया जाता है । यह शारीरिक शक्ति के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है ।



ashvagandha ka paudha, ashwagandha ke fayde
ashwagandha ka ped

अश्वगंधा के पौधे की खेती भी की जाती है और ये अपने आप भी उग जाता है अपने आप उगने वाले पौधे की उपेक्षा खेती वाला पौधा अधिक उत्तम होता है । 


अश्वगंधा के फायदे (ashwagandha ke fayde hindi mein)


अश्वगंधा में एक ऐसा गुण होता है जो पुरुष और महिलाओं के संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य और विशेष रूप से यौन स्‍वास्‍थ्‍य को फायदा देने के लिए उपयोगी है। अश्वगंधा के फायदे मर्दों की सेक्स समस्याओं के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं है। हमारे खान पान और जीवन शैली के कारण अधिकतर लोगों में यौन कमजोरी एक आम बात हो चुकी है। अश्वगंधा का उपयोग करके इस समस्‍या से छुटकारा पा सकते हैं। 


एक अध्‍ययन के अनुसार अश्वगंधा के फायदे पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्‍या बढ़ाने और यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देते हैं। अश्वगंधा के सेवन से पुरुषों के शरीर में बहुत से सकारात्‍मक परिवर्तन होते हैं। शायद ही आप लोग अश्वगंधा के फायदों से परिचित हो लेकिन आज हम सिर्फ पुरुषों के लिए अश्वगंधा के फायदे और नुकसान के बारे में  बताने जा रहे हैं ।

यौन विकारों (Sexual inefficiency) से पीड़ित लोगों को एक बात जानने की आवश्यकता है कि यौन स्‍वास्‍थ्‍य को आप पूरे शरीर के स्‍वास्‍थ्‍य, मर्दों में समय पूर्व स्‍खलन (Premature ejaculation), स्वप्नदोष नपुंसकता, शुक्राणु की कमी, जैसी समस्‍याएं अक्‍सर देखी जाती हैं। जो कि असंतुलित पोषण, जीवनशैली की समस्‍याओं जैसे कि नशीले पदार्थों को सेवन और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं के कारण हो सकती हैं।


आप इन समस्‍याओं से बचने के लिए अश्वगंधा का उपयोग कर सकते हैं जो कि केवल  इन लक्षणों को ही नहीं बल्कि मर्दों की सेक्स समस्याओं और यौन संबंधों से जुड़े विकारों को दूर करने में आपकी पूरी तरह से सहायता करता है। 


अश्वगंधा का उपयोग (ashwagandha ka upyog):


1.अश्वगंधा के उपयोग से दुर्बलता दूर होती है ( ashwagandha ke upyog ) :


1.1  अश्वगंधा के चूर्ण के लगातार नियमानुसार प्रयोग करने से व्यक्ति रोग रहित हो जाता है, दुर्बलता दूर होती है 


1.2.  इसके के चूर्ण के लगातार नियमानुसार प्रयोग करने से व्यक्ति रोग रहित हो जाता है, दुर्बलता दूर होती है और व्यक्ति बलवान हो जाता है, व बुढ़ापा दूर होकर यौवन प्राप्त होता है।

1.3.  अश्वगंधा के चूर्ण की 6 ग्राम मात्रा में 6-6 ग्राम शहद और मिश्री मिलाकर इसमें 10 ग्राम गाय का घी मिलाए, इस मिश्रण को सर्दियों में  सुबह शाम 4 महीने तक सेवन करने से बूढ़ा व्यक्ति भी नवयुवक की तरह प्रसन्न हो जाता है ।

1.4. कमजोर शरीर वाले बच्चे को अश्वगंधा के चूर्ण में 10-10 ग्राम घी व तिल मिलाकर इसमें 3 ग्राम शहद मिलाकर सर्दी में  इसका सेवन करने से बच्चे मोटे हो जाते हैं ।

1.5.  एक ग्राम असगंध के चूर्ण को 125 ग्राम मिश्री में मिलाकर उबालें, इसे दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से मर्दाना ताकत बढ़ती है ।

1.6.  अश्वगंधा के जड़ के बारीक चूर्ण की 3 ग्राम मात्रा में गर्म प्रकृति वाले गए के दूध के साथ व वात प्रकृति वाले व्यक्ति शुद्ध तिल के साथ और कफ प्रकृति वाले व्यक्ति गरम जल के साथ एक वर्ष तक सेवन करने से कमजोरी दूर होकर सब बीमारियों का नाश होता है व बाल प्राप्त होता है ।

  
2. वात के कारण हृदय की पीड़ा में अश्वगंधा के फायदे ( ashwaganda ke fayde in hindi ) :


2.1.  असगंध का चूर्ण 2 ग्राम को गरम जल के साथ सेवन करने से वात के कारण हृदय रोग में फायदा होता है ।

2.2.  असगंध का चूर्ण व बहेडे की बराबर 5 से 10 ग्राम मात्रा लेकर गुड़ के साथ सेवन करने से वात के कारण हृदय के रोग में लाभ मिलता है ।


3. अश्वगंधा का खांसी में फायदे ( ashwagandha ke fayde in hindi) : 


अश्वगंधा की जड़ की 10 ग्राम मात्रा को कूट कर इसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर इसे  400  ग्राम जल में पकाएं  जब  आठवा हिस्सा बाकी रह जाए तो इसे थोड़ा - थोड़ा पिलाने से वात रोग के कारण हुई खांसी व कुकुर खांसी में आराम मिलता है ।


4. अश्वगंधा के फायदे गठिया रोग में (ashwagandha ke fayde in hindi) :


4.1.  श्वगंधा के चूर्ण की 2 ग्राम मात्रा की मात्रा को दूध अथवा पानी के साथ सुबह शाम लेने से गठिया के रोग में फायदा होता है ।

4.2.  श्वगंधा के पौधे के पांचों अंग को कूट कर चूर्ण बनाकर 25 से 50 ग्राम तक सेवन करने से गठिया रोग में आराम मिलता है  । 

4.3.  अश्वगंधा के पत्ते 30 ग्राम को 250 मिली पानी में उबले, जब पानी आधा शेष रह जाए  तो इसे छान कर पीने से एक सप्ताह में ही भयंकर गठिया रोगी बिलकुल ठीक हो जाता है । 

5. संधिवात में अश्वगंधा के फायदे (ashwagandha ke fayde):


5.1.  अश्वगंधा के चूर्ण को 3 ग्राम घी व 1 ग्राम शक्कर में मिला कर सुबह शाम सेवन करने से संधिवात में फायदा मिलता है ।

    5.2. अश्वगंधा के पत्ते ( कोमल) लेकर 200 ग्राम जल में उबले, जब पत्ते गल कर मुलायम हो जाएं तो छान कर गरम ही 3 से 4 दिन पीने से संधिवात एवम् वात जन्य खांसी भी दूर हो जाती है ।

           
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    6. अश्वगंधा के चूर्ण के फायदे  (ashwaganda churna benefits in hindi ):


    अश्वगंधा के चूर्ण को कपड़े से छान कर इसमें बराबर मात्रा में खंड मिलाकर रख लें,  इसे प्रातः भोजन से पूर्व एक चम्मच, गए के दूध के साथ सेवन करे, इसकी चुटकी चुटकी मात्रा खाते जाए और ऊपर से दूध पीते जाए ।


    7. धूम्रपान के असर को कम करने में के फायदे फायदे.  (ashwagandha benefits in hindi)


    धूम्रपान मनुष्य के शरीर के लिए हानिकारक तो होता ही है साथ ही यह शुक्राणुओं पर भी निगेटिव असर डालता है। धूम्रपान शुक्राणुओं की संख्‍या, गतिशीलता को प्रभावित करता है। इसलिए अश्वगंधा उन लोगों को फायदा पहुंचाता है जो लोग धूम्रपान करते हैं।

    ashvagandha ki jad
    अश्वगंधा की जड़

    8. अश्वगंधा एवम्  दूध से पुरुषों की छमता में फायदा (ashwagandha avam dudh ke fayde)


    व्यक्ति के शरीर की बेहतर हृदय और श्‍वांस से संबंधी छमता का अर्थ है किसी भी शारीरिक क्रिया को करने के लिए अच्छी छमता की आवश्यकता होती है क्योंकि मांसपेशियों को बहुत सारी ऊर्जा पहुंचने की आवश्‍यकता होती है। अश्वगंधा का सेवन करने से यह छमता को बढ़ाने में  सहायता करती है। अश्वगंधा का सेवन करने से दैनिक जीवन में कार्य करने की क्षमता को बढ़ सकती हैं साथ ही यह आपके यौन शक्ति से संबंधित छमता को भी बढ़ाने में सहायता करता है।

    9. पुरुष बांझपन दूर करने के लिए अश्वगंधा के फायदे ( benefit of ashwgandha in infertility)


    9.1. अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक रसयान है जो कि स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करने एवम् जवानी के लिए उपयोग किया जाता है। अश्वगंधा की जड़ का उपयोग आयुर्वेद में शारीरिक और मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ाने, बीमारी को रोकने और बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने में सहायता करता है। लेकिन इसका एक प्रमुख फायदा यह है कि अश्वगंधा पुरुषों की प्रजनन (Fertility) क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। 

    9.2. पुरुष बांझपन होने का मुख्य कारण शुक्राणु की संख्‍या, संरचना और उनकी गतिशीलता में कमी का होना है। कामेच्‍छा को तभी बढ़ा सकते हैं जब शरीर में शुक्राणुओं की संख्‍या भरपूर हो। पुरुषों के इस रोग के लिए अश्वगंधा सबसे फायदेमंद औषधी है । कहा जाता है कि यदि तीन महिने तक यदि नियमित रूप से अश्वगंधा का सेवन किया जाए तो इस रोग में फायदा होता है ।



    10. मर्दों के तनाव की दूर करने में अश्वगंधा के फायदे (ashwgandha ke fayde hindi mein)


    खराब यौन प्रदर्शन को कम करने का सबसे बड़ा कारण तनाव होता है। यदि आप अपने यौन प्रदर्शन को अच्‍छा करना चाहते हैं तो तनाव मुक्‍त रहने की कोशिश करें। आप अपने तनाव स्‍तर को कम करने के लिए अश्वगंधा की सहायता भी ले सकते हैं। जब तनाव अधिक होता है तो आपका रक्‍तचाप भी अधिक हो जाता है जो धमनियों के रक्‍त प्रवाह को रोकता है, जिस कारण नपुंसकता हो सकती है ।

    11. शुक्राणुओं की रक्षा में अश्वगंधा के फायदे ( ashvagandha ke fayde hindi me )


    अश्वगंधा में उपस्थित एंटीऑक्‍सीडेंट पुरुष बांझपन के नुकसान को कम करने में सहायता करते  हैं। इसमें उपस्थित प्रोटीन कार्बोनील की मात्रा को कम करता है, जिससे शरीर में ऑक्‍सीकरण से संबंधित परेशानियां बढ़ाती है। ऐसे सभी लाभों को प्राप्त के लिए अश्वगंधा का सेवन फायदेमंद होता है जो पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में सहायता करते है । अश्वगंधा का प्रयोग कर आप अपनी कमजोर यौन इच्‍छा को बढ़ा भी सकते हैं।

    विशेष:


    अनेक रोगों में अश्वगंधा के फायदे बहुत से हैं - ashwagandha ke fayde hindi mein), इससे बहुत से रोगों का इलाज किया जाता है, यह शारीरिक कमजोरी को दूर करता है व मर्दाना ताकत को बढ़ाता है । अश्वगंधा ज्वर व रक्त विकारों में भी उपयोगी है । उष्ण प्रकृति वाले लोगो को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, अगर अश्वगंधा की अधिकता हो जाए तो गोंद कतीरा व देसी घी का सेवन करना चाहिए । उम्मीद करता हूं आप को ये लेख अवश्य पसंद आया होगा ।

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